दिल्ली वेब डेस्क / चीन से बढ़ते तनाव के बीच राफेल को भारत – चीन सीमा पर तैनात करने की चर्चा है | एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया टॉप एयरफोर्स कमांडरों के साथ इसे लेकर अहम बैठक करने जा रहे हैं | जानकारी के मुताबिक दो दिनों की इस अहम बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात का जायजा लिया जाएगा | यही नहीं राफेल की तैनाती पर भी अहम् फैसला होगा | इसके अलावा इस बैठक में जुलाई अंत तक देश आ रहे राफेल विमानों को वायुसेना में ऑपरेशनल स्तर पर लाने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जा सकता है |
रक्षा जानकारों के मुताबिक अबतक के आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक राफेल के एयरफोर्स में शामिल होने से भारतीय वायुसेना को पड़ोसी देशों के मुकाबले बढ़त मिलेगी |उनके मुताबिक इस तैनाती का दक्षिण एशिया में मनोवैज्ञानिक असर भी होगा | रक्षा विशेषज्ञ बताते है कि इसके साथ सुखोई-30 और मिराज- 2000 के साथ राफेल की तैनाती पर भी विचार होना चाहिए | उनके मुताबिक राफेल दुश्मनों पर हमला करने के आधुनिक सिस्टम से लैस है | वायु सेना देश के उत्तरी बॉर्डर पर सुखोई-30 और मिराज- 2000 के साथ राफेल को भी तैनात करने पर विचार कर सकती है |
रक्षा जानकारों के मुताबिक राफेल के सेना में शामिल होने से भारत की लंबी दूरी की मारक क्षमता में इजाफा होगा | सूत्र बता रहे है कि वायुसेना की इस बैठक में भारत के साथ लगती चीन की सीमा पर चीनी गतिविधियों की भी समीक्षा की संभावना है | रिपोर्ट के मुताबिक दो दिनों की ये बैठक 22 जुलाई को प्रस्तावित है | चीन के साथ तनाव को देखते हुए एयरफोर्स ने आधुनिक लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े को फॉरवर्ड बेस पर तैनात कर दिया है |
यहां से लड़ाकू विमान दिन और रात में ऑपरेशन कर रहे हैं | पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर अपाचे हेलिकॉप्टर को भी तैनात किया गया है, यहां से ये विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं | यही नहीं सैनिकों ने सरहद पर युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया है | इसकी बानगी उस समय देखने मिली जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सरहद का दौरा किया था |