एक बार फिर धरती की ओर आ रहा विशालकाय एस्टेरॉयड, नासा ने जताई खतरे की संभावना, पिछले महीने भी कई एस्टेरॉयड ने किया था धरती का रुख, लेकिन हम नुकसान से बचे, इस बार 24 जुलाई को धरती के बेहद करीब से गुजरेगा ये एस्टेरॉयड

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दिल्ली वेब डेस्क / आने वाले 4 दिनों के भीतर एक विशालकाय एस्टेरॉयड पृथ्वी की तरफ तेज गति से आता हुआ दिखाई दे रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 24 जुलाई को यह धरती के नजदीक होगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह एस्टेरॉयड संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है। उसके मुताबिक आकार में भी यह पिछले एस्टेरॉयड की तुलना में काफी बड़ा है | इसकी गति भी तेज है। गौरतलब है कि पिछले माह भी आधा दर्जन एस्टेरॉयड पृथ्वी के काफी करीब से गुजरे थे | लेकिन उनसे कोई नुकसान नहीं हुआ था | लेकिन इस बार नुकसान की संभावना भी जताई गई है |

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह एस्टेरॉयड ब्रिटेन के प्रसिद्ध लैंडमार्क- लंदन आई के आकार का कम से कम डेढ़ गुना बड़ा है। उन्हें यह भी आशंका है कि यह लंदन आई की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत बड़ा निकले। लंदन आई 443 मीटर ऊंचा एक व्हील है, वैज्ञानिकों की माने तो इस एस्टेरॉयड के इससे भी बड़ा होने की आशंका है।

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने इस एस्टेरॉयड को खतरनाक करार दिया है | उसने चेतावनी दी है कि जिस तरह से यह विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसे संभावित खतरे का आंकलन किया जा रहा है | नासा के मुताबिक यह पृथ्वी के लिए एक खतरनाक प्रभाव पैदा कर सकता है। नासा ने इसे एस्टेरॉयडल 2020ND नाम दिया है।

दरअसल संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह एक पैमाना है। इसमें अंतरिक्ष वैज्ञानिक उन तत्वों को शामिल करते हैं जो पृथ्वी के समीप आने वाले खतरों के रूप में मापे जाते हैं। इसलिए 0.05 एयू या उससे कम की दूरी वाले सभी क्षुद्रग्रहों को संभावित रूप से खतरनाक माना गया है।

क्षुद्रग्रह मूल रूप से ग्रहों के टुकड़े होते हैं। इन्हें ही एस्टेरॉयड कहा जाता है। इन चार ग्रहों में पृथ्वी, बुध, शुक्र और मंगल शामिल हैं। सौर मंडल में जब यह चारों ग्रह वजूद में आए थे तब जो चट्टानी टुकड़े बच गए थे, वे आज भी ग्रुत्वाकर्षण के आकर्षण की वजह से खिंचे चले आते हैं। बताया जाता है कि ये टुकड़े इन ग्रहों के जन्म के समय से बचे हुए हैं। बड़े क्षुद्रग्रहों को ग्रहदोष के रूप में भी जाना जाता है। क्षुद्रग्रह मुख्य रूप से खनिज और चट्टान से बने हुए होते हैं। इनमें छोटी और अधिक गोलाकार कक्षाएं होती हैं। फ़िलहाल नासा इसके प्रभाव और होने वाले नुकसान के आंकलन को लेकर व्यस्त है |