रिपोर्टर – मनोज सिंह चंदेल
राजनांदगांव / राजनांदगांव के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती प्रसूता महिलाओं का हाल बेहाल है | उन्हें भोजन और चाय नाश्ते तक के लाले पड़े है | जबकि सरकारी योजनाओं के तहत केंद्र और राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं, प्रसूता महिलाओं और शून्य से एक वर्ष के बच्चों के लिए विभिन्न कल्याणकारी दावे कर रही है |
इन योजनाओं में सालाना करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे है | लेकिन सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हकीकत क्या है , इसे मौके पर पहुंच कर ही जाना परखा जा सकता है | न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ संवाददाता मनोज सिंह चंदेल ने राजनांदगांव के कुछ ऐसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का जायजा लिया |
राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती महिलाओं का हाल बेहाल है | यहाँ कई दिनों से भर्ती प्रसूता महिलाओ को भोजन तो दूर चाय-नाश्ता तक मुहैया नहीं हो पा रहा है | स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की | लेकिन किसी ने यहां पीड़ित महिलाओं की सुध तक लेना मुनासिब नहीं समझा | न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ के संवाददाता मनोज सिंह चंदेल जब मौके पर पहुंचे तो उन्हें पीड़ित महिलाओं ने यहां की हकीकत से रूबरू कराया | महिलाओं ने बताया कि वे हफ्तेभर से यहां भर्ती है | लेकिन पिछले एक सप्ताह से दोपहर का भोजन,सुबह और शाम की चाय और नास्ता तक उन्हें नसीब नही हुआ | वे अपने परिजनों और आसपास की होटलों से खाने पीने की वस्तुए मंगवा रही है |
बताया जा रहा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पुराने ठेकेदार को ही जच्चा-बच्चा को भोजन, चाय और नाश्ता मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है | जबकि इसके लिए नया टेंडर किसी दूसरे ठेकेदार को 1 माह पहले ही दिया जा चुका है | यह भी बताया गया कि उस ठेकेदार ने अभी तक अपना काम शुरू नहीं किया है |
यहां भर्ती स्थानीय जच्चा-बच्चा तो जैसे तैसे अपने खाने पीने का इंतजाम कर ले रहे है , लेकिन मुश्किल उनकी हो रही है जो दूर- दराज के इलाकों से आकर इस केंद्र में भर्ती हुए है | किसी भी प्रसूता महिलाओं को शासन की योजना का लाभ नही मिल पा रहा है | जबकि इस तरह की शिकायत हफ्तेभर से नहीं बल्कि कई महीनों से स्थानीय लोग कर रहे है |
इस केंद्र का जायजा लेने के बाद यह भी पता पड़ा कि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी योजनाओ के क्रियान्वयन के लिए बकायदा ब्लॉक् प्रोग्राम ऑफिसर की नियुक्ति भी की गई है | लेकिन वे भी पीड़ित महिलाओं की सुध लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है | पीड़ितों ने उनकी कार्यप्रणाली को लेकर भी सवालियां निशान लगाए है | महिलाओं के मुताबिक सामुदायिक केंद्र में तैनात ब्लॉक प्रोग्रम अधिकारी को वे कई बार इसकी शिकायत कर चुकी है | लेकिन उन्होंने प्रसूता महिलाओं के हित में कोई कदम नहीं उठाया | उधर इस सामुदायिक केंद्र की हकीकत जब हमारे संवाददाता ने राजनांदगांव के सीएमएचओ को दी,तो उन्होंने पुरे मामले में जांच करवाने के निर्देश देने की बात कही है। वही इस मामले में ब्लॉक प्रोग्राम अधिकारी ने स्थानीय कर्मियों को फटकार भी लगाई |