50-50 के फार्मूले पर गहलोत और पायलट के बीच बन सकती है सहमति, अब राजस्थान में भी ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फार्मूले पर विचार, कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट के प्लेन को फिर उड़ाने की तैयारी में, 18 माह के आखिरी कार्यकाल में मुख्यमंत्री पद की पेशकस को ठुकराया पायलट ने, बीजेपी में भी जाने से किया इंकार, नई पार्टी के गठन से भी नहीं किया इंकार

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जयपुर / अब राजस्थान में कांग्रेस ने सियासी संकट को खत्म करने के लिए ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के पद के फार्मूले की पेशकश की है | चर्चा है कि इस तरह का फार्मूला कांग्रेस शासित कुछ राज्यों में पहले ही तय किया जा चूका है | राजस्थान के मौजूदा संकट को टालने के लिए अब इसी फार्मूले को अमल में लाने की पेशकश की गई है | दरअसल अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद सचिन पायलट के भी तेवर अब नरम पड़ते जा रहे है | बताया जा रहा है कि बीजेपी से उन्हें वो सहायता नहीं मिल पाई जिसकी वे उम्मीद कर रहे थे | दरअसल उनके ज्यादातर समर्थक बीजेपी में जाने के इक्छुक नहीं बताये जाने के कारण पायलट ने भी बीजेपी की ओर बढ़ते अपने क़दमों को थाम लिया है | हालांकि बतौर मुख्यमंत्री 18 माह के कार्यकाल सौंपने के कांग्रेस के वादे को पायलट ने ठुकरा दिया है |

बुधवार को दिल्ली में वे प्रेस कांफ्रेंस में अपनी चुप्पी तोड़ने वाले थे | लेकिन आखिरी वक्त उन्होंने इस प्रेस कांफ्रेस को टाल दिया | हालांकि पायलट ने कुछ पत्रकारों से सीधी चर्चा करते हुए कहा कि वे सौ बार कह चुके है कि भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन नहीं करेगे | उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान उन्होंने बीजेपी के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है | पायलट ने कहा कि उन्होंने राजस्थान कांग्रेस का हिस्सा रहते हुए बीजेपी के खिलाफ लंबी लड़ाई कर कांग्रेस की सरकार बनवाई है | उनके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति या पार्टी राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है तो यह नहीं माना जा सकता है कि वे उनसे जुड़ जाएंगे |

सचिन पायलट ने दावा किया कि जो लोग कह रहे हैं कि वे बीजेपी में शामिल होने वाले है | वो मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं | उन्होंने यह भी कहा कि उकसावे और पद छीनने के बावजूद पार्टी के खिलाफ उन्होंने और उनके समर्थकों ने एक भी शब्द नहीं कहा है | उनके मुताबिक वे भविष्य के लिए अपनी रणनीति तय करने जा रहे हैं |

पत्रकारों से चर्चा करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि दिल्ली में बैठे लोगों के दिमाग में डालने के लिए विरोधी कैंप के लोगों की ओर से अफवाह फैलाई जा रही है | उन्होंने कहा कि वे जल्दबाजी और चालबाजी नहीं करना चाहते | कंग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाए जाने खासतौर पर उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्तगी के बावजूद सचिन पायलट ने कहा कि वे अभी भी कांग्रेस के कार्यकर्ता है | उन्हें अपने समर्थकों के साथ अपने कदम पर चर्चा करनी है | 

अपने बगावती तेवर को लेकर उन्होंने कहा कि यह उनके आत्म सम्मान का मामला है | सरकार में उनके और उनके समर्थकों के कार्य नहीं करने के निर्देश मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा दिए गए थे | कांग्रेस हाईकमान और राहुल गांधी से बातचीत के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं | राहुल ने जब से इस्तीफा दिया, गहलोत जी और उनके ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दोस्तों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल लिया | तभी से उनके लिए आत्मसम्मान मुश्किल हो गया था |

सचिन पायलट के इस रुख के बाद एक बार फिर उनकी कांग्रेस में वापसी के प्रयास तेज हो गए है | हालांकि इस बार कांग्रेस उनसे स्पष्ट रुख चाहती है | पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे के मुताबिक पायलट के लिए कभी भी पार्टी के दरवाजे बंद नहीं है | उनसे अब भी बातचीत के लिए वे तैयार है | पर सचिन को उनकी गलती समझ आये | उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के मायाजाल से सचिन बाहर निकले |