शादी के कारोबार ने छुई नई ऊंचाइयां , अब वर्जिनिटी की गारंटी दे रही कई मैट्रिमोनियल वेबसाइट, कई सामाजिक संगठनों और कानून के जानकारों ने उठाये सवाल ? युवा दंपत्तियों के भविष्य में वर्जिनिटी की दलील कही मुसीबत ना बन जाए

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नई दिल्ली / विवाह योग्य लड़के हो या लड़कियां , शादी के लिए उचित जोड़े की तलाश में लोग अब मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स से संपर्क करना नहीं भूलते | अख़बारों और मीडिया में इन दिनों कई ऐसी मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स है जो नए ढंग से शादी की पेशकस कर रही है | इसमें वो ना केवल सामाजिक परंपराओं बल्कि क़ानूनी प्रावधानों की धज्जियां उड़ाने में भी पीछे नहीं है | दिलचस्प बात यह है कि उनकी इस अवैधानिक गतिविधि को उसके ग्राहक भी फॉलो करने लगे हैं | ग्राहकों को फंसाने के लिए इन मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स अब अपनी सारी हदें पार कर रही हैं |

वो प्यार और विश्वास के रिश्तों को अब वर्जिनिटी के आधार पर तोलमोल करने लगी है | कई लोग खासतौर पर युवक इस चाह में ऐसी वेबसाइट की तरफ आकर्षित हो रहे है | शिकायतकर्ताओं के मुताबिक Shadi डॉट कॉम नाम की वेबसाइट आजकल इसी तरह की पेशकस कर अपना धंधा चमका रही है | हालांकि, ये वेबसाइट Shaadi डॉट कॉम की वेबसाइट से अलग है | दोनों के नाम में सिर्फ एक अक्षर A का फर्क है |

दरअसल Shadi डॉट कॉम वेबसाइट पर नजर आने वाली एक पोस्ट में इन दिनों ‘वर्जिन मैट्रिमोनी’ का जिक्र किया जा रहा है | कई लोग इस पर आपत्ति कर रहे है तो कई ऐसे हैं जिनकी मानसिकता आज भी वर्जिनिटी के फेर में उलझी हुई है | बताया जाता है कि ये मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स शादी के लिए वर्जिनिटी का क्राइटेरिया जाहिर कर इस तरह की मानसिकता को और बढ़ावा दे रही हैं | यह भविष्य में किसी भी युवक-युवती या दंपत्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकती है | इसकी क़ानूनी वैधता की भी प्रमाणिकता की जरूरत महसूस की जा रही है |

कुछ लोगों ने इस वेबसाइट के ऑफिशियल फेसबुक पेज से संपर्क किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसके पीछे क्या लॉजिक है ? जब उनसे पूछा गया कि इस पेज के बारे में उनका क्या कहना है, तो जवाब आया- ‘हमारे पेज पर ऐसी किसी सर्विस के बारे में हमें जानकारी नहीं है| ‘ शिकायतकर्ताओं ने जब उन्हें उनकी ही वेब साइट का स्क्रीनशॉट भेजा तो जवाब आया- “कभी कभी मार्केटिंग वाले लोग कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ जाते हैं | हम ये पेज डिलीट कर देंगे, क्योंकि इसका कोई मतलब ही नहीं है |” लेकिन अभी भी यह पेज वेब साइट पर मौजूद है और कई लोगो की आँखों की किरकिरी बना हुआ है |

शिकायतकर्ताओं ने जब उनसे पूछा गया कि उनकी वेबसाइट पर ये पेज इतने समय से चल रहा है , और इसकी क्या वैधानिकता है ? तो उन्होंने कहा कि संबंधित व्यक्ति को इसका जवाब दे देंगे | हालांकि उन्होंने इस आपत्ति को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया | दरअसल भारतीय समाज में वर्जिनिटी की थ्योरी हमेशा ही रहस्यमय रही है | इसे लेकर कई बार क़ानूनी बहस भी छिड़ी है | जानकारों के मुताबिक कौमार्य एक ऐसा ‘कॉन्सेप्ट’, जिसका मतलब है कि जब तक लड़कियां शारीरिक संबंध नहीं बना लेतीं, तब तक वो ‘वर्जिन’ होती हैं | लेकिन कई ऐसी भी थ्योरी है , जिसमे कहा गया है कि ज्यादा चलने-फिरने , शारीरिक श्रम , खेलकूद अथवा अन्य कारणों से भी लड़कियों का कौमार्य भंग हो जाता है | या फिर टूट जाता है |

जानकारों के मुताबिक भारतीय समाज में लड़कियों के लिए उनका कौमार्य एक बेहद जरूरी हिस्सा है , जिसे उन्हें संभालकर रखना होता है | यही नहीं किसी युवती की शारीरिक पवित्रता और चाल -चलन से भी इसे जोड़कर देखा जाता है | हालांकि समाज में इस शब्द का इस्तेमाल अधिकतर लड़कियों की सेक्सुअलिटी कंट्रोल करने से जोड़कर भी देखा जाता है | कानून के जानकार बताते है कि मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स पर इस तरह के विज्ञापन , प्रचार और तथ्य उपलब्ध कराना लड़कियों की साख और  उन्हें नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है |

सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक देश के कई इलाकों और समुदायों में वर्जिनिटी ना होने पर रिश्ता टूटने की नौबत तक आ जाती है | जबकि ऐसा कहीं नहीं लिखा कि सुहागरात में पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध स्थापित होने पर लड़की की योनि से खून आना ही वर्जिनिटी की निशानी है | उनके मुताबिक कई घर परिवारों में जब दूल्हा-दुल्हन सुहागरात मनाने जाते हैं, तो उनके बिस्तर पर सफेद चादर बिछाई जाती है. ताकि अगले दिन ये परखा जा सके कि दुल्हन को ब्लीडिंग हुई या नहीं | मतलब साफ़ है कि वो ‘वर्जिन’ है या नहीं | कुल मिलाकर मैट्रिमोनियल वेबसाइट ने अपने धंधे के लिए वर्जिनिटी का राग छेड़कर कई दम्पत्तियों के भविष्य पर सवालियां निशान लगा दिया है |