दिल्ली / जयपुर – राजस्थान में कांग्रेस की सरकार अब अंतिम सांसे गिनने लगी है | उम्मीद थी कि सचिन पायलट राह में आ जाएंगे | लेकिन उनके कड़े तेवरों ने पार्टी के भीतर ही सत्ता संघर्ष को और बढ़ा दिया है | वे ना तो अपने पद से इस्तीफा दे रहे है , और ना ही कांग्रेस में वापसी के लिए तैयार है | ऐसे में पार्टी पसोपेश में है | माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी का फरमान जारी कर सकते है | इसके बाद कांग्रेस पार्टी भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के साथ ही पांच साल के लिए निष्कासन का एलान कर सकती है | यही हाल उनके साथ मौजूद विधायकों का भी होगा | उन्हें भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है |

बताया जाता है कि पार्टी के बड़े नेताओं के संपर्क में आने के बाद सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि वे अशोक गहलोत के साथ काम नहीं कर सकते और ना ही उनके सीएम रहते पार्टी में लौट सकते है | ऐसी स्थिति में कांग्रेस के पास उनके निष्कासन के अलावा और कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है | उधर पायलट के इस रुख से अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई है | दरअसल जयपुर में चल रही पार्टी विधायक दल की बैठक से २२ विधायक नदारद बताये जा रहे है | यह भी बताया जा रहा है कि इस बैठक में मात्र 82 विधायक ही शामिल है |

सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अपनी ताकत दिखाई थी | उन्होंने सरकार पर किसी भी खतरे से इंकार करते हुए कहा था कि उनके पास पूर्ण बहुमत है | इसके बाद सभी विधायकों को होटल ले जाया गया था | इस दौरान पता पड़ा कि उनकी सरकार पर से संकट टला नहीं है, क्योंकि करीब 22 विधायक होटल में नहीं हैं | जो विधायक सचिन पायलट के खेमे में है , अब उनके नाम भी सामने आ रहे है | इसमें – सचिन पायलट के अलावा 2. रमेश मीणा 3. इंद्राज गुर्जर 4. गजराज खटाना 5. राकेश पारीक 6. मुरारी मीणा 7. पी.अर.मीणा 8. सुरेश मोदी 9. भंवर लाल शर्मा 10. वेदप्रकाश सोलंकी 11. मुकेश भाकर 12. रामनिवास गावड़िया 13. हरीश मीणा 14. बृजेन्द्र ओला 15. हेमाराम चौधरी 16. विश्वेन्द्र सिंह 17. अमर सिंह 18. दीपेंद्र सिंह 19. गजेंद्र शक्तावत का नाम शामिल है |

जबकि तीन अन्य निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, ओम प्रकाश और खुशवीर सिंह जोजावर भी पायलट को समर्थन दे रहे है | यानी कुल मिलाकर 22 विधायक ऐसे हैं, जो कांग्रेस के साथ नहीं हैं | उधर दिल्ली में राजस्थान की गहलोत सरकार को संकट से बचाने के लिए शह और मात का खेल जोरो पर जारी है | दोनों ही खेमा न तो गहलोत और न ही पायलट पीछे हटने को तैयार हो रहे हैं | बताया जाता है कि पायलट को मनाने की तमाम कोशिशे नाकाम रही है | प्रियंका गांधी , राहुल गांधी , अहमद पटेल समेत कई बड़े नेता प्रयास कर चुके है | लेकिन सचिन पायलट जयपुर लौटने को तैयार नहीं | उन्होंने गहलोत को बहुमत साबित करने की चुनौती देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं |

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उधर जयपुर में केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे ने पायलट और गहलोत के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश भी की है | लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला | पायलट समर्थित विधायक भी विधायक दल की बैठक से दूरी बनाए रहे | उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार बचाने के लिए आखिरी दांव भी खेला है | उन्होंने पायलट समर्थक विधायकों को अच्छे पदों पर बैठाने और मंत्री तक बनाने का भरोसा दिया |

लेकिन कोई भी विधायक उनके झांसे में नहीं आया | इधर कांग्रेस की नाकाम होती कोशिशों के बीच बीजेपी ने भी पार्टी के तमाम विधायकों और महत्वपूर्ण पदाधिकारियों को जयपुर बुलाना शुरू कर दिया है | ताजा राजनैतिक हालात के मद्देनजर आज राजस्थान बीजेपी ने बैठक बुलाई है |