बदहजमी और पाचन तंत्रकी शिकायत को करना है दूर,तो खान-पान के तरीकों में ये बदलाव के विचार जरूरी

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विशेषज्ञों के मुताबिक बड़े निवाले और एक वक्त में ज्यादा खाने से मोटापा, बदहजमी समेत पेट संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी होती है | इंसान के अच्छे स्वस्थ की निर्भरता पाचन क्रिया के ठीक रहने पर होती है | पौष्टिक खाना और कम खाने से शरीर के अन्य अंगों का क्रियाकलाप बेहतर होता है | ऐसे लोग खुद को चुस्त दुरस्त महसूस करते हैं जबकि खाने की ज्यादती पेट समेत शरीर के अन्य अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है

विशेषज्ञों के मुताबिक आहार इंसानी शरीर के लिए ईंधन का काम करता है |  हमेशा स्वस्थ और उपयुक्त मात्रा में आहार लेना चाहिए | अच्छी सेहत के लिए चिकन, जंक और डिब्बा बंद खुराक से परहेज बहुत जरूरी है | विशेषज्ञों ने ज्यादा खाने से (ओवर ईटिंग) बचने के लिए चंद मशविरे सुझाए हैं | 

टांगें मोड़ बैठ कर खाना 

खाना खाते हुए जमीन पर बैठ कर टांगें फोल्ड कर रखनी चाहिए | जिस से खून की सप्लाई की प्रक्रिया तेज होती है और सीधे इसका फायदा पेट को पहुंचता है |  इस तरह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद पहुंचती है | 

खाना खामोशी में खाएं

खाते हुए बात करने और टीवी देखने से ध्यान बंट जाता है | खामोशी से पूरा ध्यान खाने की तरफ होता है जिसकी वजह से पेट भरने से पहले खुद को रोककर बदहजमी नहीं होने दिया जाता है | 

आहिस्ता-आहिस्ता खाएं

आहार या खाना हमेशा चबाकर और आहिस्ता-आहिस्ता खाएं | बड़े निवाले के खाने से पेट को भोजन पचाने में ज्यादा समय लगता है |  जल्दी-जल्दी खाना खाने से ज्यादा खाना खाने की आशंका बनी रहती है | जिसके कारण शरीर में वसा जमना शुरू हो जाता है |विशेषज्ञों का मानना है कि निवाले को ज्यादा चबाएं और जब तक मुंह से खाना खत्म न हो जाए दूसरा निवाला मुंह में न डालें |