रिपोर्टर – अफरोज खान
सूरजपुर / छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में जंगली हाथियों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य की जान ले ली है,घटना प्रतापपुर क्षेत्र के घुई रेंज अंतर्गत खरसोता जंगल की है।बताया जा रहा है कि मृतक अपने गांव पकनी से खरसोता जाने सोमवार को पैदल जंगल के रास्ते निकले थे,तीन दिन से नहीं दिखने के कारण जब आज ग्रामीण उन्हें ढूंढने निकले तो गांव से कुछ दूर जंगल में उनका शव मिला।पूर्व जिला पंचायत की जान लेने वाला हाथियों का दल प्यारे का बताया जा रहा है।
प्रतापपुर के गणेशपुर में कई दिन रहने व इनमें से तीन मादा हाथियों की मौत के बाद प्यारे हाथी का दल घुई रेंज के पकनी व आसपास के जंगलों में रह रहा था।इतने दिनों से यह दल जंगल में ही रह रहा था और प्यारे व एक अन्य हाथी आबादी की ओर आकर फसलों व घरों को नुकसान पहुंचा रहा था लेकिन अब इनके द्वारा एक बुजुर्ग की जान लेने की जानकारी मिल रही है,बताया जा रहा है कि मृतक पूर्व जिला पंचायत सदस्य शंकर सिंह है।
मिली जानकारी के अनुसार शंकर सिंह अपने गृहग्राम पकनी में अकेले रहते थे क्योंकि उनके दोनों बेटे नौकरी के कारण गांव से बाहर रहते हैं और परिवार में और कोई नहीं हैं।सोमवार को वे खरसोता जाने के लिए अकेले पैदल ही जंगल के रास्ते निकले थे जिन्हें स्थानीय कुछ लोगों ने जाते देखा था।आज सुबह कुछ लोगों ने आपस ने चर्चा की कि शंकर सिंह तीन दिनों से गाँव में दिख नहीं रहे हैं,जिसके बाद उन्होंने खरसोता भी पता लगाने का प्रयास किया और जब कोई जानकारी नहीं मिल पाई तो कुछ लोग आज दोपहर 3 बजे के करीब जंगल के रास्ते उन्हें ढूंढने निकल गए।जंगल में वे कुछ दूर गए ही थे कि उन्हें शंकर सिंह का शव दिखाई दिया,उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी गांव में दी जिससे वहां हड़कम्प मच गया।गांव वालों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी,मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग के साथ पुलिस के अधिकारी कर्मचारी शाम तक गांव तो पहुंच गए थे,यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी मौत कब हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि शव बुरी तरह सड़ गई है।बरहाल पूर्व जिला पंचायत सदस्य की मौत हाथियों के हमले में होने के बाद गांव में शोक की लहर व दहशत फैल गई है।
थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों ने दिखाई हिम्मत,जंगल से निकाला शव
देर शाम तक पुलिस और वन विभाग के लोग वहां पहुंच गए थे लेकिन हाथियों के होने के डर से कोई जंगल में जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था,ग्रामीणों ने भी हाथ खड़े कर दिये थे।चूंकि शव को जंगल में भी छोड़ा नहीं जा सकता था तब चन्दोरा थाना प्रभारी बाजीलाल सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों ने हिम्मत दिखाई और वन विभाग के लोगों के साथ जंगल गए।मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने पहले शव की स्थिति को देख प्लास्टिक में पैक किया और फिर पैदल ही हरिहरपुर ले गए क्योंकि उधर से जंगल कम पड़ना था।बताया जा रहा है कि अब हरिहरपुर से शव को वाहन से मृतक के गृहग्राम पकनी लाया जाएगा।
दरहोरा में एक युवक की ली थी जान..
इसी प्यारे के दल ने प्रतापपुर के दरहोरा में भी एक युवक की जान की थी जब दल तीन हप्ते पहले गणेशपुर से घुई रेंज की ओर जा रहा था।प्यारे ने उक्त युवक को दौड़ाकर पकड़ा था जब युवक को खेत में कीचड़ में फंस गया था।इस घटना के बाद दल द्वारा कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई थी और सभी हाथी पकनी के आसपास जंगलों में रह रहे थे,केवल प्यारे व एक अन्य हाथी आबादी की ओर आ फसलों व घरों को नुकसान पहुंचा रहा था।
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लंबे समय से चर्चाओं में है प्यारे हाथी का दल…
प्यारे के साथ अन्य हाथियों का यह दल लंबे समय से सुर्खियों में है क्योंकि इन्होंने जहां कुछ ग्रामीणों की ली है वहीं दल के कई सदस्यों की मौत हो गई है।दल के पहले सदस्य का शव प्रतापपुर के करंजवार में मई के पहले हप्ते में फिर तीन अन्य सदस्यों का शव प्रतापपुर के गणेशपुर व राजपुर के गोपालपुर में मिला था,इनमें एक मादा हाथी गर्भवती थी और उसके साथ पेट मे पल रहे शावक की भी मौत हो गई थी।हाथियों की लगातार मौत से प्रदेश के साथ दिल्ली तक हलचल मच गई थी,जांच टीमें गठित हुईं और कई अधिकारी कर्मचारियों का निलंबन व तबादला भी हुआ था।