शहर की सडक़ों पर मवेशियों का कब्जा ,आखिर कब मिलेगी शहरवासियों को इस समस्या से निजात

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रिपोर्टर -उपेंद्र डनसेना

रायगढ़। शहर की सडक़ों पर लम्बे समय से आवारा मवेशियों का कब्जा चला आ रहा है । बारिश के दिनों में यह समस्या और गम्भीर होती जा रही है। बारिश होने पर सडक़ों में बैठे ये मवेशी दुकानों, और व्यवसायिक शासकीय परिसरों में कब्जा जमा लेते हैं। कुल मिलाकर निगम प्रशासन की लापरवाही से शहरवासी को गुजरना पड़ता है और इन परेशानियों से कब निजात मिलेगी बताने वाला भी कोई नही है।

शहर के अधिकांश सडक़ों पर झुण्ड में खड़े पशुओं से आवागमन में तो कठिनाई होती ही है साथ ही हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सुबह से शाम तक सडक़ों पर इधर-उधर घूमते आवारा मवेशी लोगों की परेशानी का सबब बन गए हैं। आए दिन कोई ना कोई दुपहिया वाहन सवार इनसे टकराकर घायल होते रहते हैं। सडक़ों पर घूमते ये आवारा म वेशी कहां रुक जाएं और कहां दौड़ लगा दें या फिर किधर मुड़ जाएं कोई नहीं जानता है। अब तक कई लोग इनसे टकरा कर अस्पताल पहुंच चुके हैं। इसके अलावा ये मवेशी भी अक्सर गाडिय़ों की चपेट में आकर घायल हों जाते हैं । सडक़ के किनारे लगने वाले दैनिक सब्जी बाजार में भी सब्जी विके्रताओं को सब्जी बेचने से ज्यादा ध्यान आवारा मवेशी को खदेडने में लगाना पड़ता है। लंबे समय से चली आ रही इस समस्या को लेकर जहां आम लोगो में आक्रोश दिखता रहता है तो वहीं इसके लिए जिम्मेदार नगर निगम के कर्मचारियों की इस विषय में अरुचि और लापरवाही से यह समस्या जस की तस बनी हुई है।

इस संबंध में शहर के युवा रोशन दीक्षित, मुकेश मजूमदार, वेणु प्रधान का कहना है कि निगम निगम के द्वारा शहरवासियों को हो रही इन परेशानियों को देखते हुए सडक़ में बैठे मवेशियों को सडक़ से हटाकर कांजी हाउस में रखने की कार्रवाई पहले की जाती थी। मगर पिछले कुछ सालो से निगम प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई कार्रवाई नही की जा रही है। जिससे शहर के बोईरदादर, हेमू कालाणी चौक, गोपी टाकीज रोड़, सुभाष चौक, रेलवे स्टेशन रोड़, सत्तीगुडी चौक, गांधी चौक, कोतरा रोड़, ढिमरापुर रोड़, बस स्टैण्ड, सर्किट हाउस चौक में दिन व रात सडक़ों में आवारा मवेशी सडक़ो में बैठे आसानी से देखते जा सकते हैं। कुछ दिनों पहले ही जिंदल मार्ग सीएमओ तिराहा के पास अज्ञात वाहन की ठोकर से सडक़ में बैठे पांच मवेशियों की मौत भी हो चुकी है।

रात में आवारा कुत्तों से परेशान शहरवासी

शहर में आवारा कुत्तों का आतंक भी लंबे समय से बना हुआ है। जहां रात में अपना काम निपटा घर जा रहे लोग या फिर किसी कारणवश आना जाना करने वाले लोगों पर चौक-चौराहों पर बैठे कुत्तों का झुण्ड दौड़ाना शुरू कर देते हैं इस दौरान भी कई लोग गिरकर घायल हो जाते हैं या फिर कुत्ते के काटने से उन्हें हास्पीटल के चक्कर लगाने पडते हैं।