भारत में कोरोना संक्रमण के दबाव में अस्पताल प्रशासन का निकला दम, अब बदलने लगे शव, मुस्लिम शव का परिजनों ने हिन्दू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार, दिल्ली और महाराष्ट्र में शव बदलने के मामले आये सामने, पीड़ितों ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

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दिल्ली / मुंबई वेब डेस्क – देश में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे है, उससे अस्पतालों की प्रशासनिक व्यवस्था चरमराने लगी है | इन अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ और उनके इलाज को लेकर दबाव इतना बढ़ गया है कि अब शव बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है | दरअसल कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनके शवों को पूरी तरह से कवर कर दिया जाता है | इस दौरान जरा सी चूक मरीजों के परिजनों को भारी पड़ सकती है | लेकिन अब ऐसी चूक होने लगी है | ताजा मामला दिल्ली और महाराष्ट्र के ठाणे का है | दिल्ली में कोरोना से जान गवाने वाली 35 वर्षीय अंजुम के शव का अंतिम संस्कार एक हिन्दू परिवार ने कर दिया | दरअसल एम्स प्रशासन ने उन्हें कुसुमलता का शव सौंपने के बजाये अंजुम का शव सौंप दिया था |

एम्स जैसे अस्पताल में हुई चूक महाराष्ट्र के ठाणे में भी नज़र आई | यहाँ 72 वर्षीय व्यक्ति का शव एक दूसरे परिवार को सौंप दिया गया | इस परिवार ने फ़ौरन उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया | दूसरी ओर जब एक लापता व्यक्ति की गुमशुदगी का मामला पुलिस ने दर्ज हुआ तो पता पड़ा कि वो कोरोना संक्रमित है और एक अस्पताल में उसका इलाज जारी है | इस दौरान पुलिस की आंखे यह जानकर फटी की फटी रह गई कि अस्पताल ने एक बुजुर्ग का शव दूसरे परिजनों को सौंप दिया | अब यह अस्पताल सफाई देने में जुटा है | दोनों ही मामले रोचक है |

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जान गंवाने वाली 35 वर्षीय महिला अंजुम के शव को दफनाने से कुछ क्षण पहले उसके भाई शरीफ खान ने अंतिम बार अपनी बहन का चेहरा देखा तो चौंक गया | क्योंकि यह किसी और का शव था | कफ़न दफ़न छोड़ कर शरीफ खान सीधे एम्स पहुंचा | उसे पता चला कि उसकी दिवंगत बहन की अंत्येष्टि कुसुमलता के परिवार ने कर दी है | कुसुमलता कोविड -19 से मरने वाली एक अन्य महिला है, जिसके शव की यहाँ एम्स में कर्मचारियों द्वारा एक हिन्दू परिवार को सौंप दिया गया था |

शव की अदला – बदली कैसे हुई यह पता नहीं चल पाया | एम्स के एक चिकित्सक ने कहा कि कर्मचारियों की ओर से चूक हुई क्योंकि उसने शवों को उनके परिजनों को सौंपे जाने से पहले समुचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था | एम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर मुर्दाघर के दो कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की गई है | एक को निलंबित किया गया है, जबकि दूसरे को बर्खास्त कर दिया गया है |

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उधर महाराष्ट्र के ठाणे शहर में कुछ दिन पहले लापता हुए एक कोरोना मरीज की गुमशुदगी का मामला सुलझ गया है | पुलिस को पता चला कि उसका शव अस्पताल द्वारा किसी दूसरे परिवार को सौंप दिया गया था | दरअसल 72 वर्षीय व्यक्ति के परिजनों ने रविवार देर रात उसकी गुमशुदगी का मामला कपुरबावड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया था | जानकारी के मुताबिक मरीज को 29 जून को ग्लोबल हब कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था | इसके कुछ घंटों बाद उसकी मौत हो गई |

अधिकारीयों ने बताया कि बुजुर्ग का शव दो दिन पहले कोपरी में एक परिवार को सौंप दिया गया था, जिसने जल्द ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है | पुलिस टीम द्वारा की गई जाँच में पाया गया कि कोपरी में उस परिवार के परिजन जीवित है और उसका एक अन्य कोविड अस्पताल में इलाज चल रहा है | पुलिस के मुताबिक अस्पताल ने इस बुजुर्ग का शव दूसरे परिवार को सौंप दिया था | अब अस्पताल प्रशासन सफाई दे रहा है कि दोनों रोगियों के इलाज के कागजात मिल गए थे, इसलिए यह गड़बड़ी हुई | फ़िलहाल मामले की तफ्तीश जारी है | दोनों घटनाये मीडिया की वजह से सामने आई है | ऐसे कितने मामले है जो मीडिया से कोसों दूर है | पीड़ित परिजन अस्पतालों के कुप्रबंधन का शिकार हो रहे है |