छत्तीसगढ़ में फिर एक हाथी की मौत, कोरबा में उपचार के दौरान 8 साल के नर हाथी ने तोड़ा दम, 25 दिनों से चल रहा था बीमार, उसकी मौत का कारण सिस्टमेटिक ऑर्गन फेलियर होना बताया गया

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रिपोर्टर – गेंदलाल शुक्ला 

कोरबा / वन मण्डल कोरबा के कुदमरा रेंज अंर्तगत गुरमा में 25 दिन से गंभीर बीमारी के कारण जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हाथी ने अंततः दम तोड़ दिया। उसकी मौत सिस्टमेटिक ऑर्गन फेलियर के कारण होना बताया गया है। गौरतलब है कि कोरबा वन मण्डल के कुदमुरा रेंज के गुरमा में एक ग्रामीण गजाराम के घर के आंगन में बीमार हाथी मिला था। तब वन विभाग का अमला व डॉक्टर की टीम ने स्थल पर पहुंच कर हाथी का उपचार शुरू किया था।

वन मंडल कोरबा के डीएफओ गुरुनाथन एन ने बताया कि बीमार व्यस्क हाथी जिसकी उम्र लगभग 8 वर्ष थी, गंभीरावस्था में मिला था, जिसका उपचार वाइल्ड लाइफ डॉक्टर राकेश वर्मा (स.व.स) तथा वन्यप्राणी विशेषज्ञों द्वारा लगातार किया जा रहा था। बीमार हाथी के शरीर में सीवर वर्म इन्फेक्शन, डिहाइड्रेशन एवं खून की कमी थी। हाथी का 25 दिन तक उपचार किया गया। डी एफ ओ गरुनाथन एन, एस डी ओ आशीष खेलवार, रायपुर से आए चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा, डॉ. प्रयाग, डॉ. अरुण समेत तैमूर पिंगुला से पहुंचे पशु चिकित्सक समेत पूरी टीम हाथी पर नजर रखे हुए थे। बीमार हाथी को क्रेन के माध्यम से खड़ा करने का प्रयास किया गया, पर सफलता नहीं मिल सकी। इससे वन विभाग की चिंता बढ़ गई थी। आशंका व्यक्त की जा रही थी  कि हाथी का पैर फ्रैक्चर हो गया है। इसकी भी जांच की गई थी।

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बारिश होने से अमले को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। आग जलाकर हाथी को गर्मी भी दी गई पर सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया था। बावजूद टीम हाथी की सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही थी और उसे स्वस्थ करने हर संभव प्रयास किया जा रहा था, लेकिन हाथी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। आखिकार  उसने बुधवार की शाम सिस्टमेटिक ऑर्गन फेलियर के कारण दम तोड़ दिया।