उपेन्द्र डनसेना [Edited By: शशिकांत साहू]
सिविल सर्जन डॉ. आर. एल. सिदार की मनमानी चरम पर । महिला चिकित्सक डॉ त्रिपाठी भी नही थी उपस्थित ।
रायगढ़। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सारंगढ़ में प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती महिला को सुबह 10 बजे परिजनों ने भर्ती कराया प्रसूता गृह में कुछ देर बाद महिला को तेज प्रसव पीड़ा हुई तो उनके साथ गर्भवती महिला की मां के साथ लक्ष्मी बरेठ ने नर्स को चलकर जांच करने का निवेदन किया । लेकिन उपस्थित नर्सों ने बुलाने आई महिला को ही झिड़की लगाते हुये 4 घंटे बाद देखेंगे अभी डिलीवरी नही होगा बोलकर वापस नर्स ड्यूटी कक्ष में आ गई । इस बीच दर्द से कराहती गर्भवती माता की प्रसूता भर्ती वार्ड के फर्स के नीचे बैठ कर तड़पती रही ।जिसको देखकर फिर लक्ष्मी बरेठ दौड़ते हुए पुन: नर्सों के पास पहुँची और हालात के बारे फिर बताया तब कहीं नर्स अपना कुर्सी छोड़ कर प्रसूता कक्ष में गई । लेकिन जाने से पहले ही गर्भवती ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दे चुकी थी । जिसको उसके परिजनों ने उठाया बच्चा होने के बाद भी शिशु एवं मां का स्वास्थ्य जांचने नही पहुँची महिला चिकित्सक डॉ त्रिपाठी ।
ज्ञातव्य है कि इसके पूर्व भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारंगढ़ में लापरवाही का मामला सामने आ चुकी है लेकिन इस बार की लापरवाही ने मानवता को शर्मशार कर दिया है । क्योंकि प्रसूता की पीड़ा को दर किनार कर ड्यूटी में रही नर्सों ने लेबर रूम में ले जाना भी उचित नही समझा और अंतत: प्रसव पीड़ा बढऩे पर भर्ती वार्ड में बिना डॉक्टर बिना नर्स के अकेली महिला श्रीमती पुष्पा बरेठ पति रविशंकर बरेठ 23 वर्ष ग्राम सुलोनी ने तड़पते हुये शिशु को जन्म दिया । आपको बता दें कि महिला चिकित्सक त्रिपाठी भी पीडि़त की हाल चाल जानने नही अस्पताल नही पहुँची । सारी जिम्मेदारी नर्सों के भरोसे छोड़कर आन काल ड्यूटी के नाम पर बहाने बनाने वाले इन डॉक्टरों को अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ शासन ने निर्देश जारी किया था कि सभी डॉक्टरों को ओपीडी समय मे उपस्थित रहना है ।आपातकालीन सेवा के लिए भी अलग से डॉक्टर की उपस्थिति निर्धारित किया जाना है पर यहाँ सभी नियम कानून स्थानीय डॉक्टर नर्स अपने हिसाब से बनाते है । सरकार के निर्देश इन डॉक्टरों के लिये महज एक कोरी कागज ही साबित हो रही है । जब इस घटना की जानकारी देकर बीएमओ से जवाब मांगा गया तो उन्होंने स्वयं को रायपुर में होना बताया एवं जांच कर लापरवाही पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाई करने की बात दूरभाष के माध्यम से दी ।
वहीं अस्पताल में उपस्थित डॉक्टर सुनील पटेल से सबसे पहले चर्चा की गई तो उन्होंने ऐसे किसी मामले की जानकारी नही होने एवं प्रसव से संबंधित इलाज त्रिपाठी मेडम एवं नर्सों द्वारा ही किया जाना बताया इसके कुछ देर बाद प्रभारी बीएमओ एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ सिदार दोपहर 1 बजे पहुँचे तो उनसे भी इतनी बड़ी लापरवाही बरते जाने का कारण पूछा तो आग बबूला हो गये और तुम कौन होते सावल पूछने वाले शब्दों का इस्तेमा करते हुए अपनी कमजोरी को छुपाने के प्रयास किया लेकिन इससे पहले ही डॉक्टर सिदार ने महिला के परिजन को बुलाकर उनकी बयान सुना सभी का स्टिंग कर लिया गया था ।
