रिपोर्टर – मनोज सिंह चंदेल
राजनांदगांव / छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित प्रसिद्ध प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर नरकंकाल मिलने से लोग हैरत में है | प्रज्ञागिरी पहाड़ पर स्थापित भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा लोगों को प्रेम और करुणा का संदेश दे रही है, उसी पहाड़ी पर एक प्रेमी जोड़ा वक़्त गुजारने पहुंचा था | लेकिन प्रेमी के दिमाग में अपनी प्रेमिका को ठिकाने लगाने की अपराध भावना ने इस पहाड़ी को एक नई चर्चा में ला दिया है | पुलिस ने इस पहाड़ी से एक कंकाल बरामद किया है | करीब छह से सात माह पुराने इस कंकाल को बरामद कर पुलिस ने क़त्ल की उस गुत्थी को फ़ौरन सुलझा दिया, जो इतने महीनों से रहस्मय बनी हुई थी |
दरअसल कातिल को भी उम्मीद ना थी कि वो चंद घंटों में ही जेल की हवा खाने वाला है | इस मामले में फौरी कार्रवाई कर पुलिस ने कातिल को ढूंढ निकाला | उधर इस घटना के उजागर होने के बाद प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर आम लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस प्रयास किये जाने की मांग भी शुरू हो गई है | बताया जाता है कि प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर प्रेमी- प्रेमिका ने कई घंटे बिताये | इस दौरान मौका पाते ही प्रेमी ने प्रेमिका का गला घोंट दिया | झाड़ियों में उसकी लाश ठिकाने लगाने के बाद वो बेफिक्र हो गया था | लेकिन कहा जाता है ना ‘कातिल कितना चालाक क्यों ना हो ? कुछ ना कुछ सुराग छोड़ ही जाता है |’ इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ | नरकंकाल मिलने की सूचना के बाद सीएसपी मणिशंकर चंद्रा समेत कई अधिकारी प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर पहुँचे थे | इसके बाद पुलिस के एक दस्ते ने एक युवक को हथकड़ी लगाकर उस स्पॉट पर लाया, जहाँ नरकंकाल मिला था |
दरअसल राजनांदगांव जिले में अपराधों पर अंकुश लगाने एवं गुम इंसान की पतासाजी करने के लिए पुलिस ने एक अभियान छेड़ा है | इसी के तहत 2 माह में लगभग 200 गुमशुदा हुए लोगों की तलाश की जा रही है | बताया जाता है कि इसी कड़ी में अक्टूबर 2019 में थाना बसंतपुर में एक गुम इंसान का मामला कायम किया गया था | इसमें सुमन पटेल नामक 20 साल की युवती रणवीरपुर लोहारा जिला कवर्धा से गायब बताई गई थी | यह युवती राजनांदगांव में नर्सिंग ट्रेनिंग करने आई थी | वो नर्सिंग हॉस्टल में रहती थी | पढाई के दौरान युवती का मनोज वैष्णव नामक 24 वर्षीय युवक से प्यार हो गया | यह युवक भी रणवीरपुर लोहारा जिला कवर्धा का रहने वाला था | युवती के नदारत होने के बाद कई महीनों तक इस प्रेम प्रसंग की कहानी सामने नहीं आई |
गुमशुदा लोगों की पतासाजी के अभियान के दौरान जाँच टीम ने सुमन पटेल के नदारद होने की फाइल खोली | उसके मोबाइल नम्बरों और गुमशुदगी के दौरान परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की पड़ताल की गई | इस दौरान सुमन के मोबाइल से उसके परिजनों को प्राप्त एक एसएमएस को पढ़ कर पुलिस का माथा ठनक गया | इस मैसेज में लिखा था कि वो कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रही है, उसकी खोजबीन ना की जाये | एक सीधी सादी और होनहार युवती का यह संदेश उसके परिजनों और पुलिस के लिए चौकाने वाला था |
पुलिस ने मामले में दिलचस्पी दिखाई और सुमन के कॉल डिटेल्स के आधार पर उस युवक तक पहुँच गई, जो उसके नदारद होने से पहले चौबीसो घंटे उसके संपर्क में रहता था | सुमन का मोबाइल सारी कहानी बयाँ कर रहा था | विवेचना के दौरान सुमन के परिजनों को एक और मैसेज हाल ही में प्राप्त हुआ | इस मैसेज में भी सुमन की ओर से परिजनों से कहा गया कि वो सुरक्षित है और कुछ दिनों में लौट आएगी | सुमन की खोजबीन और विवेचना के दौरान मिले इस मैसेज से पुलिस का शक गहरा गया | उसने मोबाइल की पड़ताल शुरू की, तब पता पड़ा कि सुमन के सिम का इस्तेमाल अलग अलग मोबाइल हैंड सेट में हुआ है |
पुलिस की जाँच टीम ने फ़ौरन अपना रंग दिखाया और वो मनोज वैष्णव तक जा पहुंची | उसे हिरासत में लेने के बाद जब पूछताछ शुरू हुई तो मनोज ने पुलिस को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की | लेकिन वो अपनी ही बातों पर फंसता चला गया | आखिरकार उसने अपना मुँह खोला और हकीकत बयाँ की | उसने बताया कि सुमन से पहले उसकी दोस्ती हुई और दोस्ती प्यार में बदल गई | लेकिन सुमन ने जब शादी की जिद पकड़ ली तो उसने उसे ठिकाने लगाने का प्लान तैयार किया | उसने बताया कि सुमन को सैर सपाटे के लिए प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर ले गया और फिर उसका गला घोंट दिया | उसकी लाश को उसने वही झाड़ियों में छिपा दिया था |
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अंधे क़त्ल की इस गुत्थी को सुलझाने में पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग विवेकानंद सिन्हा, पुलिस अधीक्षक जितेन शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरखनाथ बघेल, सुरेशा चौबे, नगर पुलिस अधीक्षक मणिशंकर चंद्रा, प्रशिक्षु डीएसपी मैन रण सिंह के नेतृत्व में गठित की गई जाँच टीम में शामिल इंस्पेक्टर राजेश साहू, एलेग्जेंडर किलो, सब इंस्पेक्टर विजय मिश्रा का विशेष योगदान रहा |