छत्तीसगढ़ में वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच मानसूनी बौछार, तेज हुई जुबानी जंग, भूपेश बघेल बोले – छत्तीसगढ़ के हालात पर रमन को बोलने का अधिकार नहीं, रमन सिंह का पलटवार- मुझे क्या बोलना है, ये भूपेश तय नहीं करेंगे, पढ़े खबर

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में मानसून के साथ साथ सियासी पारा भी जोर मारने लगा है | दरअसल मरवाही विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मद्देनज़र दोनों ही मुख्य पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक बार फिर सियासी जंग छिड़ गई है | एक ओर जहाँ अपने अब तक के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस इस सीट पर कब्ज़ा ज़माने की जुगत में है, तो बीजेपी उसके अरमानों पर पानी फेरने के लिए जुट गई है | वो कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल को वादा खिलाफी और छत्तीसगढ़ को बर्बादी की कगार पर पहुँचाने वाला बता कर मरवाही में समर्थन जुटाने में लगी है |

पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के निधन के बाद रिक्त हुई इस विधानसभा सीट पर नवम्बर- दिसंबर में उपचुनाव के आसार है | हालाँकि अजित जोगी के पुत्र अमित जोगी ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की चुनौती और कड़ी कर दी है | इस बीच वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है |

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के ताजा हालात को लेकर रमन सिंह को आड़े हाथों लिया है | उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम रमन को इस मामले में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ को लूटने के अलावा कोई काम नहीं किया, वे अब हमसे हिसाब मांग रहे हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम कांड की जांच एसआईटी से कराने के लिए हम एनआईए से केस मांग रहे हैं, आखिर किसके दबाव में वह केस NIA हमें हैंडओवर नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना नहीं आता तो कांग्रेस की कई और घोषणाएं पूरी हो चुकी होती। उनके मुताबिक देर जरूर हो रही है पर हम किसी के साथ अन्याय होने नहीं देंगे।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने सीएम भूपेश बघेल पर पलटवार करते हुए कहा कि मुझे क्या बोलना है क्या नहीं, ये भूपेश नहीं, मेरे राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करते हैं। रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपनी नाकामी छिपाने में जुटी है | उन्होंने कहा कि 18 माह पहले सरकार के पास जो कार्ययोजना थी, उसके क्रियान्वयन का समय आया, तब इंकार कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने युवाओं को कांग्रेस घोषणा पत्र के अनुरूप ढाई हज़ार रूपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की |

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उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विकास का काम ठप्प हो गया | बेरोजगारी बढ़ने से युवा वर्ग आत्महत्या करने को मजबूर हैं। रमन सिंह ने कहा कि विधानसभ चुनाव से पहले कांग्रेस के पास जन घोषणा पत्र जारी करते समय झीरम के सबूत भी थे, नवयुवकों काे बेरोजगारी भत्ता देने का ब्लू प्रिंट था, शराबबंदी करने का रोड मैप था, बेरोजगारी भत्ता देने का प्लान था। लेकिन चुनाव जीतने के बाद सिर्फ वादा खिलाफी है |