चौकाने वाली खबर, अब इंसान के दिमाग को चट करने वाले अमीबा का अटैक, इस नए केस के सामने आने के बाद डॉक्टरों ने जताई हैरानी, झील, नदी और तालाब के ताजे और गर्म पानी में पाया जाता है अमीबा ‘प्राइमरी एम्बेरिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’, डॉक्टरों ने चेताया मेडिकल गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में करे पालन

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दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना काल में इंसान के दिमाग को नष्ट करने वाले अमीबा का अटैक भी शुरू हो गया है | इस नए मामले के सामने आने के बाद डॉक्टरों ने हैरानी जताई है | डॉक्टरों ने मरीज का परीक्षण करने के बाद उसके शरीर में दिमाग को चट करने वाले ‘नेगलेरिया फाउलेरी’ नाम के अमीबा के संक्रमण की पुष्टि की है | हेल्थ डिपार्टमेंट ने बताया कि यह संक्रमण काफी खतरनाक है | उसके मुताबिक एक कोशिका वाला यह अमीबा इंसान के दिमाग को तबाह कर सकता है |

डॉक्टरों के मुताबिक यह अमीबा मस्तिष्क में ‘प्राइमरी एम्बेरिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ नाम के इंफेक्शन का कारण जन्म लेता है | इसका संक्रमण दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करता है | डॉक्टर्स ने इस मामले को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन इस जानलेवा अमीबा से सतर्क रहने की सलाह दी है | डॉक्टरों का कहना है कि यह बड़ी आसानी से इंसान के दिमाग में दाखिल हो सकता है |

एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाइजलेरिया आमतौर पर झील, नदी और तालाब के ताजे और गर्म पानी में पाया जाता है. डॉक्टरों ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसी जगहों पर पानी में उतरते वक्त सावधान रहना चाहिए, खासतौर पर जब पानी गर्म या ठंडा हो |

उनके मुताबिक, पानी में तैरते वक्त नाक को पानी के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए | उन्होंने बताया कि यह अमीबा कभी नाक तो कभी मुँह के रास्ते दिमाग में दाखिल होने की दक्षता रखता है | उन्होंने चेतावनी दी कि स्विमिंग पूल के पानी का टेंपरेचर ज्यादा हो तो उसमें उतरने की गलती ना करें |

डॉक्टरों के मुताबिक मार्च से लेकर अगस्त के बीच मौसम का तापमान ज्यादा होता है | इस दौरान पानी में इस अमीबा की मौजूदगी का खतरा मंडराते रहता है | उन्होंने बताया कि नेग्लेरिया फाउलेरी से संक्रमित होने पर मरीज में सिरदर्द, बुखार, मतली और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते है | यह लक्षण कोरोना संक्रमण के लक्षणों से काफी मेल खाते है |

सही इलाज ना होने पर 1 से 8 दिन के भीतर इंसान की मौत भी हो सकती है | संक्रमित व्यक्ति को कठोर गर्दन, दौरे, बदलती मानसिक स्थिति और कोमा का सामना भी करना पड़ सकता है | बताया जाता है कि अमेरिका के फ्लोरिडा में इसके मरीजों में तेजी से वृद्धि हो रही है |

यहाँ के हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, साल 1962 में 37 मामले सामने आए थे | उसकी मानें तो अमेरिका में 1967 से 2017 के बीच अमीबा से संक्रमित 143 मामले सामने आए हैं, जिनमें से सिर्फ चार की ही जान बच पाई है | शेष सभी मरीजों की मौत हुई | डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों से मेडिकल गाइडलाइन का हर हाल में पालन करने की अपील की है | उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग अपनाये और मौजूदा स्थिति को देखते हुए घर में ही रहे |