कोरोना का नया रूप आया सामने, पहले के मुकबले अधिक तेजी से लोगों को कर रहा संक्रमित, वैज्ञानिकों ने कहा कि एक मार्च से पहले G614 यूरोप से बाहर नहीं देखे जा रहे थे, लेकिन अब ये भारत समेत दुनिया के कई देशो में फैल गया है

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नई दिल्ली / भारत, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशो में कोरोना का संक्रमण थामे नहीं थम रहा है | संक्रमण के दौरान कई मरीजों के शरीर में कोरोना के उस वायरस की पहचान की गई है, जो घातक और शक्तिशाली है | यह वायरस भारत और अमेरिका समेत यूरोप के कई देशो में हावी है | लिहाजा इन देशो में संक्रमण का फैलाव और उससे होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ते जा रहा है | एक अंतरराष्ट्रीय टीम की रिसर्च में यह तथ्य सामने आया है कि कोरोना वायरस G614 कई मरीजों में पाया गया | ग्लोबल स्टडी में पता चला है कि इस वायरस में अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित करने की क्षमता है | वैज्ञानिको के मुताबिक कोरोना के इसी रूप से ज्यादातर लोग संक्रमित हो रहे हैं और उनकी मौत भी हो रही है | उनके मुताबिक इस वायरस ने चंद घंटो में ही कई मरीजों के लंग्स ख़राब कर दिए | अंततः उन मरीजों की मौत हो गयी | इसमें ज्यादातर मरीज युवा थे |

एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स का मानना है कि कोरोना वायरस का नया रूप यूरोप से अमेरिका में पहुंचा था | इसके बाद यह दुनिया के कई देशों में फ़ैल गया | उनके मुताबिक जिस तरह से लोगों की एक दूसरे देशों में आवाजाही हुई , उससे इस संक्रमण को फैलाव का मौका मिला | उनके मुताबिक नए म्यूटेशन में संक्रमण फैलाने की अधिक क्षमता है | हालांकि, कोरोना का नया रूप पॉजिटिव हुए लोगों को पहले वाले म्यूटेशन के मुकाबले अधिक समय तक बीमार नहीं कर रहा है | बल्कि जल्द ही उनका काम तमाम करने में सहायक हो रहा है |

अब रिसर्चर्स ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस के नए रूप को वैक्सीन से काबू किया जा सकता है या नहीं | दरअसल अब तक जिन वैक्सीन पर काम चल रहा है, वे कोरोना वायरस के पुराने वर्जन के आधार पर ही बनाए जा रहे हैं | रिसर्चर्स ने इस खतरनाक नए म्यूटेशन को G614 नाम दिया है |

हाल ही में Cell नाम के जर्नल में इस वायरस से जुडी स्टडी प्रकाशित की गई है | इससे पता चला कि संक्रमित होने वाले नए लोगों में वायरस के नए म्यूटेशन का जबरदस्त प्रभाव है | ब्रिटेन की ड्यूक यूनिवर्सिटी के डेविड मॉन्टेफिओरे ने कहा कि हमें जांच में पता चला कि G614 पुराने D614 से 3 से 9 गुना तक अधिक संक्रामक है | साफ़ है कि इससे संक्रमण तेजी से फैलता है | लॉस एलमॉस नेशनल लैब के बायोलॉजिस्ट बेट्टे कॉर्बर ने बताया कि वैश्विक डेटा यह दिखाता है कि G614 नाम का कोरोना वायरस पुराने D614 से अधिक तेजी से फैल रहा है |

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उससे लोगों की लगातार मौत हो रही है | डॉक्टरों को इतना मौका ही नहीं मिल पा रहा है कि वे इस वायरस को काबू कर सके | उन्होंने कहा कि एक मार्च से पहले G614 यूरोप से बाहर नहीं देखा गया था | लेकिन अब जो रिसर्च आ रही है , उससे पता चलता है कि यह वायरस दुनिया के कई देशों में फैल गया है |