छत्तीसगढ़ में रविवार से फिर चलेंगी बसें, प्रमुख रूटों पर 20 से 30 फीसदी तक रहेगी संख्या

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रायपुर / राजधानी में कल से 104 दिन बाद बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते 19 मार्च को लॉकडाउन किया गया था। बसों का परिचालन भी उसी समय से बंद कर दिया गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शुक्रवार को अपर परिवहन आयुक्त और बस ऑपरेटर संघ के बीच चर्चा हुई। इसमें फैसला लिया गया कि रविवार से प्रमुख रूटों पर 20 से 30 फीसदी बसें चलाई जाएंगी। बस ऑपरेटरों ने सरकार से लॉकडाउन अवधि के टैक्स में छूट मांगी थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो दिन पहले टैक्स में छूट देने की घोषणा की। उसके बाद से ही माना जा रहा था कि एक- दो दिनों के भीतर बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा। परिवहन विभाग के अफसरों के अनुसार छत्तीसगढ़ में छोटी- बड़ी करीब 17 हजार बसें पंजीकृत है। राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में मिलाकर करीब 15 हजार बसें प्रतिदिन चलती हैं। 

अनलॉक-1 के दौरा नही केंद्र और राज्य सरकार नेयात्री बसें चलाने की मंजूरी दे दी लेकिन कुछ मांगों को लेकर आपरेटर बस चलाने को तैयार नहीं थे। इस दौरान राज्य के बस संचालकों की परिवहन आयुक्त से कई बार चर्चा हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। बाद में संचालकों ने सरकार के सामने अपनी मांगें रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने संचालकों की मांगें मानते हुए उन्हें लॉकडाउन अवधि के टैक्स से छूट दे दी। उनकी यह भी मांग मानली गई कि जो बसें नहीं चलेंगी उनका टैक्स नहीं लिया जाएगा। 

दोनों मांग स्वीकृत होने के बाद शुक्रवार को बस आपरेटरों की परिवहन आयुक्त से चर्चा हुई और उन्होंने रविवार यानी 5 जुलाई से बसें चलाने पर सहमति जता दी। संचालकों का कहना है कि फिलहाल राज्य में यात्रियों की जरूरत और खासकर जिन रूटों में ट्रेन सुविधा नहीं है | वहां बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। करीब साढ़े तीन महीने तक बसें खड़ी रहने की वजह से आपरेटरों को उनके मेंटनेंस पर बड़ा खर्च करना पड़ रहा है। तीन महीने की ईएमआई चुकाना, बसों का बीमा प्रीमियम तथा डीजल के बढ़ते दाम को देखते हुए कुछ मांगें केंद्र से की गई है। 

छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के संरक्षक प्रमोद दुबे ने कहा कि फिलहाल यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग- अलग रूटों में 20 से 30 फीसदी यानी 3500 से 5000 बसें चलेंगी। दुबे ने कहा कि प्रमुख रूटों जैसे रायपुर से जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर आदि रूटों पर 20 से 30 फीसदी बसें चलेंगी।

देवभोग, बसना, पिथौरा, छुरा आदि रूट में 10 से 20 प्रतिशत बसें चलाई जाएंगी। दो- दो घंटे के अंतराल पर चलेंगी बसें बस संचालकों के अनुसार जिन रूटों पर बसें चलेंगी वहां दो- दो घंटे की फ्रिक्वेंसी रहेगी। जैसे रायपुर से बिलासपुर के लिए सुबह 8 बजे पहली बस रहेगी तो दूसरी बस 10 बजे छूटेगी। इसी तरह सुबह 8 से रात 8 बजे तक हर रूट में बसों की टाइमिंग तय की जाएगी। ज्यादा यात्री वाले रूटों पर फ्रिक्वेंसी और बसों की संख्या में धीरे- धीरे सुधार किया जाएगा ।