छत्तीसगढ़ में बालिका वधू , सरकारी अधिकारियों ने रोका बाल विवाह , बालिका वधु के परिजनों ने अफसरों को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की , लेकिन अफसरों ने ढूंढ निकाली तीन बालिका वधू , होगी कार्रवाई 

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रिपोर्टर – अफरोज खान

सूरजपुर / छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बाल विवाह के मामलों में तेजी देखी जा रही है | समाज कल्याण विभाग और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बाल विवाह पर रोक की कोशिशों के बावजूद ग्रामीण इलाकों में कई घर परिवार आज भी अपने नाबालिग बच्चों की शादी करवाने में जुटे है | ऐसे ही एक मामले में सरकारी टीम ने आरोपी परिवारों के अरमानों पर पानी फेर दिया | हालांकि बाल विवाह रुकवाने गई सरकारी टीम को बैरंग लौटाने और गुमराह करने की भरपूर कोशिश की गई | लेकिन तारीफ करनी होगी इस टीम की , जिसने सूझबूझ का परिचय देते हुए तीन बालिका वधुओं को खोज निकाला और उनकी शादी रुकवा दी |  

मामला प्रदेश के सूरजपुर जिले का है | यहां कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन में जिला प्रशासन की संयुक्त दल के द्वारा निरंतर क्षेत्रों में सूचना तंत्र को मजबूत कर बाल विवाह पर कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में चाईल्डलाईन के हेल्पलाईन नम्बर 1098 पर बुधवार रात्रि 8ः00 बजे अज्ञात व्यक्ति से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम सोनपुर में नाबालिक बालिका का विवाह उसके मामा के घर ले जाकर किया जा रहा है। बताया गया कि बालिका 10वीं पढ़ रही है और शादी के लिए तैयार नहीं है | 

सूचना मिलते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री मुक्तानंद खुटे ने संयुक्त टीम को भेज कर विवाह रोकने का निर्देश दिया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में टीम ग्राम सोनपुर गई। जहां पर बालिका के मामा के लड़के ने टीम को भ्रमित करने के उद्देश्य से बताया कि उनका विवाह पहले हो चुका है, और आज पार्टी दे रहे हैं, और अपनी पत्नि को दुल्हन के स्थान पर प्रस्तुत किया। जिस पर विवाह रुकवाने गई टीम को आशंका हुई | जांच करने पर पता चला कि प्रस्तुत की गई महिला के दो बच्चें हैं। शादी गुप-चुप तरीके से होने और बिना शासन के अनुमति के विवाह पर कार्यवाही के डर से सभी बाते एक एक कर सामने आने लगी। घर में जांच करने पर पता चला कि बालिका दुसरी है, जिसका विवाह होने वाला है और बारात अगस्तपुर से आ रही है। तब जाकर वास्तविक बालिका सामने लाई गई , जिसकी उम्र मात्र 15 वर्ष ही थी | सभी को समझाइश दी गई मगर टीम के जाने के बाद बाल विवाह हो जाने की आशंका पर संयुक्त टीम द्वारा बालिका एवं उसके साथ उसकी बुआ को सखी वन स्टाप सेंन्टर सूरजपुर ले जाया गया।

इसके पूर्व ग्राम पंचायत पंम्पापुर में दो बाल विवाह की सूचना पर संयुक्त टीम वहां गई और दोनों बालिका जिनकी उम्र 18 वर्ष से मात्र 02 माह एवं 03 माह शेष होने से उन्हें दिसम्बर के बाद विवाह करने की समझाइश दिया गया। दोनों के परिजन के सहमति पर पंचनामा कथन तैयार किया गया। कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, अमित भारिया, अखिलेश सिंह, सुपरवाईजर भारती पटेल, हर गोविन्द चक्रधारी, अनिता पैकरा, ग्राम पंचायत सोनपुर सरपंच विजय सिंह, सरपंच पम्पापुर भागवत पैकरा, सचिव, सेक्टर चाईल्ड लाईन से श्रीमती ललिता जायसवाल, सोनू साहू, गोविन्दा साहू, पुलिस विभाग से विपुल देव पैकरा, सुरेश साहू, विरेन्द सारथी, म0आ0 बालकुमारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्रामीण उपस्थित थे।