नई दिल्ली / 14500 करोड़ रुपए के संदेसरा स्कैम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम शनिवार को पूछताछ के लिए उनके घर पहुंची। इस मामले में उनका बयान लिया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने मिलकर कथित तौर पर 14500 करोड़ का घोटाला किया है। ED की टीम इसी मामले में पूछताछ के लिए सोनिया गांधी के खास अहमद पटेल का बयान दर्ज करने पहुंची हैं।
अहमद पटेल ने इससे पहले ED को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी उम्र 65 साल से ज्यादा है और कोरोना वायरस से जुड़ी गाइडलाइन के कारण इस समय घर से निकलना उनके लिए ठीक नहीं रहेगा। इसके चलते इस समय उन्हें पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जाए। इस पर प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कहा गया कि ED की टीम अब उनके घर पर ही पूछताछ करेगी।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस बात की पुष्टि की थी कि अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल और दामाद इरफान सिद्दीकी ने कबूल किया है कि वे स्टर्लिंग बायलॉज लिमिटेड के निदेशक नितिन संदेसरा के छोटे भाई चेतन संदेसरा को जानते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल यह दावा किया था कि संदेसरा स्कैम नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पीएनबी घोटाले से भी बड़ा है। अहमद पटेल का नाम संदेसरा मामले में पिछले साल सामने आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी की जांच में गवाहों ने अहमद पटेल, उनके बेटे फैसल पटेल और उनके दामाद इरफान सिद्दीकी का नाम लिया था। पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि फैसल पटेल और इरफान सिद्दीकी ने संदेसरा से पैसे लिए थे।
संदेसरा भाइयों ने देश में फर्जी कंपनियां बनाकर भारतीय बैंकों के साथ करीब 14500 करोड़ रुपए का फर्जीवाडा किया है। सीबीआई ने साल 2017 में 5383 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद ED ने भी इन पर मुकदमा दर्ज किया था। जांच के दौरान पता चला था कि संदेसरा ग्रुप की विदेशों में स्थिति कंपनियों ने भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से 9 हजार करोड़ रुपए लोन लिया था।