टिमरलगा में डामर प्लांट को बंद कराने महिलाओ ने किया घेराव , पर्यावरण विभाग ने बंद करने आदेश दिया, फिर भी चल रहा है डामर प्लांट |

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उपेंद्र डनसेना [Edited By: ऋतुराज वैष्णव ] 

रायगढ़ /  सारंगढ़ के प्रसिद्ध ग्राम टिमरलगा में स्थापित हुई हॉट मिक्स प्लांट मेसर्स गीता इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपर्स के द्वारा प्रदूषण फैलाये जाने के खिलाफ गांववासियो की शिकायत को सही पाते हुए पर्यावरण संरक्षण मंडल के द्वारा उक्त हॉट मिक्स प्लांट को बंद करने का आदेश दिया है किन्तु पर्यावरण मंडल के आदेश को दरकिनार कर संचालक के द्वारा धड़ल्ले से प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इस बात की जानकारी मिलने के बाद कल शाम को टिमरलगा की बस्ती की महिलाओ ने प्लांट का घेराव कर दिया। कल रात 9 बजे तक महिलाये वही प्लांट में धरने पर बैठी रही जिसके बाद आनन-फानन में प्लांट का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। वही क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के आदेश को दरकिनार कर मनमानी कर रहे इस प्लांट संचालक का दबंगई से टिमरलगा में माहौल बिगड़ने की आशंका है।   

 इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार टिमरलगा के बस्ती से सटा हुआ स्थान पर मेसर्स गीता इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपर्स के नाम पर हॉट मिक्स डामर प्लांट का स्थापना राहुल अग्रवाल चंद्रपुर निवासी के द्वारा किया गया है। बस्ती के निस्तारी तालाब से लगा हुआ इस हॉट मिक्स प्लांट में पर्यावरण प्रदूषण बेहद बदहाल स्थिति में पहले ही दिन दिखने लगा। इसकी चिमनी से गहरा काला धुंआ निकल रहा था और डामर प्लांट से अजीम से दुगंध आ रही थी। जिसके कारण से ग्रामवासियो ने इस प्लांट से प्रदूषण फैलने की शिकायत 29 नवंबर को क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ से किया। वही कलेक्टर रायगढ़ के साथ साथ अनुविभागीय अधिकारी सारंगढ़ और अन्य संबंधित विभाग को भी शिकायत की प्रति भेजकर इस डामर प्लांट को बंद करने की मांग किया। इस शिकायत पर क्षेत्रीय पर्यावरण मंडल के प्रतिनिध मंडल के द्वारा सतीश पटेल (रसायनज्ञ), सूरज कुमार कुर्रे (वैज्ञानिक) की दो सदस्यीय टीम के द्वारा 1 अप्रैल को उक्त हॉट मिक्स प्लांट का जांच करने भेजा गया। जहा पर शिकायतकर्ता ग्रामवासियो के साथ उद्योग प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। जांचदल ने मौके पर पाया कि उत्पादपन प्रक्रिया में काफी ज्यादा बदबू आ रहा है वही उद्योग में प्रदूषण नियंत्रण हेतु लगाया गया वाटर स्क्रबर पर्याप्त क्षमता का नही होने के कारण से चिमनी से काला धुंआ निकल रहा है। वही परिसर में वृक्षारोपण पर्याप्त मात्रा में नही पाया गया है। जिसके कारण से यह उद्योग पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। जांचदल द्वारा किया गया निरीक्षण और जांच के बाद छ.ग.पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी ने पत्र क्रं.04 दिनांक 1 अप्रैल 2019 को ही मेसर्स मेसर्स गीता इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपर्स टिमरलगा सारंगढ़ को हॉट मिक्स प्लांट का उत्पादन बंद करने का आदेश जारी कर दिया। किन्तु क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के आदेश को रद्दी की टोकरी में फेंकते हुए डामर प्लांट संचालक के द्वारा बदस्तूर उत्पादन जारी रखा गया। इस उत्पादन के खिलाफ संचालक को मौखिक रूप में अवगत कराते हुए ग्रामवासियो ने तत्काल प्लांट करने का निवेदन किया किन्तु फिर भी इस प्लांट से उत्पादन जारी होने पर ग्रामवासियो का सब्र जवाब दे दिया तथा काफी संख्या में महिलाये और ग्रामवासी इस प्लांट पहुंच कर घेराव कर दिया।

गांववासियो के आक्रोश को देखकर प्लांट को संचालन करने वाले आपरेटर दुब दबाकर वहा से भाग गये और संचालक भी मौके पर नही आया। कल शाम 7 बजे से लेकर 8 बजे तक महिलाओ ने प्लांट को घेर कर रखा था। वही अगर फिर से प्लांट में प्रोडक्शन प्रारंभ होता है तो प्लांट का घेराव कर नेशनल हाईवे पर चक्काजाम करने की चेतावनी ग्रामवासियो ने दिया है। इस मामले में गांववासियो ने साफ तौर पर कहा है कि जांचदल ने अपने निरीक्षण में प्लांट के द्वारा प्रदूषण फैलाना पाया है तथा पंचनामा भी बनाया है उसमें प्रदूषण फैलना दर्शाया गया है साथ ही क्षेत्रीय अधिकारी के द्वारा मेसर्स गीता इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपर्स टिमरलगा और संचालक राहुल अग्रवाल को आदेश भी जारी किया गया है कि प्लांट में उत्पादन तत्काल बंद किया जाये। किन्तु शासन के नियमो को धत्ता बताकर संचालक मनमानी पर उतारू हो गया है।

इस संबंध में आक्रोशित ग्रामवासियो ने एक स्वर में मेसर्स गीता इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपर्स के संचालक राहुल अग्रवाल चंद्रपुर को चेतावनी दिया है कि जब शासन के द्वारा प्लांट को बंद करने का आदेश प्रदान कर दिया गया है तो क्यो जबरदस्ती करके प्लांट को प्रारंभ रखा गया है। पर्यावरण प्रदूषण से पूरा गांव का माहौल खराब हो रहा है चिमनी के गहरे काले धुंए से सांस लेना दूभर हो गया है निस्तारी तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है इन सबके बाद भी दबंगई करते हुए डामर प्लांट को चालू रखने से गांव में जबरदस्त आक्रोश है। गांववासियो ने प्रशासन को तथा उद्योग संचालक को साफ शब्दो में चेतावनी दिया है कि अगर डामर प्लांट प्रारंभ हुआ तो आंदोलन उग्र रूप में किया जायेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रशासन और उद्योग प्रबंधक की होगी।