देश में हवाई सफर को तेजी से सामान्य बनाने की कोशिशे शुरू, प्राइवेट विमानन कंपनियों को मिली 750 उड़ानों की सशर्त अनुमति, नवंबर -दिसंबर तक सेवाएं सामान्य होने के आसार, पहली प्राथमिकता में विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के मामले

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दिल्ली वेब डेस्क / देश में हवाई सफर को सामान्य बनाने की कोशिशे तेजी से हो रही है | जल्द ही विदेशी उड़ानों के लिए योजनाए सामने आने वाली है | फ़िलहाल केंद्र सरकार ने निजी विमानन कंपनियों को ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत 750 उड़ानों की अनुमति दी है। इनमें से 40 उड़ानों की घोषणा की गई है। यही नहीं विदेशों में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए सरकार ने किराए में बदलाव पर भी विचार किया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू किए गए वंदे भारत मिशन के चौथे चरण में किराए में बदलाव पर भी सरकार विचार कर रही है।

उनके मुताबिक मिशन के तीसरे और चौथे चरण में एयर इंडिया को 300 अतिरिक्त उड़ानों की अनुमति दी गई है। पुरी ने यह भी कहा कि हवाई यात्रा पर किराए की तय की गई अधिकतम और न्यूनतम सीमा को 24 अगस्त के बाद भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत मिशन का चौथा चरण दो जुलाई से शुरू होना है। इस चौथे चरण में खाड़ी देशों से आने का किराया 13 हजार रुपये रखा गया है, जो सामान्य स्थिति में किराये से भी कम है। हालांकि उन्होंने इसमें वृद्धि के मामलों से भी इंकार नहीं किया । उनके मुताबिक अमेरिका और कनाडा से आने के लिए किराया लगभग एक लाख रुपये तय किया गया है। 

दरअसल वन्देमाँतरम मिशन की शुरुआत छह मई को की गई थी। पहले दो चरणों में सिर्फ एयर इंडिया और उसकी इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस ने उड़ानों का परिचालन किया था। तीसरे चरण में 18 जून तक विस्तारा, इंडिगो और गोएयर ने भी दो-दो उड़ानों का संचालन किया था।केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का शुरू होना संबंधित देशों के निर्णय पर निर्भर है। 

उन्होंने कहा कि दो महीने की पाबंदी के बाद सरकार ने पहले से मंजूर घरेलू उड़ानों की एक-तिहाई उड़ानों को अनुमति दी है, लेकिन अभी सिर्फ 25 फीसदी उड़ानें ही टेकऑफ कर रही हैं। उनके मुताबिक जुलाई के मध्य तक यह आंकड़ा 50-55 फीसदी और साल के अंत तक पिछले साल के स्तर को छूने की उम्मीद है।