क्या आप जानते है, राष्ट्रगान एक समय पहले आजाद हिन्द फ़ौज का ” कौमी तराना ” था | गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए राष्ट्रगान में पांच पद हैं। राष्ट्रगान के रूप में इसके पहले पद को ही अपनाया गया है । नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अपनी कृति आजाद हिंद फौज में ‘जय हे’ नाम से इस गीत को वर्णित किया था | जन गण मन का पहली बार प्रकाशन 1912 में तत्वबोधिनी नामक पत्रिका में हुआ था। इस दौरान इसका शीर्षक ” भारत विधाता ” रखा गया था । सुनिए मूल गान को |