लखनऊ वेब डेस्क / उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले के बाद राज्य में कई नेताओं की नींद उड़ गई है | बीएसपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने इस नए समीकरण के मायने ने खोजने शुरू कर दिए है | इसके चलते राजनैतिक गलियारा गरमाया हुआ है | दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और नेता अपर्णा यादव को योगी सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है | उत्तर प्रदेश के एडीजी सुरक्षा गृह पुलिस विभाग अनुभाग-16 के संयुक्त सचिव सुनील कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है | इस आदेश के जारी होते ही नई बहस छिड़ गई है |
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव लखनऊ की कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2017 में विधानसभा लड़ चुकी हैं | इसके पूर्व भी कई बार अपर्णा यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात चर्चा का विषय बनी हुई थी | अपर्णा यादव समय समय पर पीएम मोदी और सीएम योगी की प्रशंसा भी करती रही हैं |
हाल ही में अपर्णा यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ के कामों की तारीफ करते हुए कहा था कि सीएम बनने के बावजूद योगी आदित्यनाथ जमीन से जुड़े हुए हैं | उन्होंने यह भी कहा था कि वह मेरे लिए गुरु जैसे हैं, हिंदूवादी होना कोई गुनाह नहीं है | योगी की तारीफ में कशीदे गढ़ते हुए उन्होंने कहा था कि योगी जी पूरे प्रदेश को साथ लेकर चलने वाले हैं | वे धर्म-जाति और समुदाय से ऊपर उठकर हमेशा सभी की मदद के लिए तत्पर रहते हैं |
ये भी पढ़े : आखिर कैसे खत्म होगा कोरोना वायरस, ये तीन तरीके आएंगे काम, क्या कहते हैं इस पर विशेषज्ञ? जाने उनके विचार
बताया जाता है कि करीब साल भर से अपर्णा और समाजवादी पार्टी के बीच अनबन चल रही है | मामला उनकी विधानसभा सीट की उम्मीदवारी से जुड़ा था | दरअसल पिछले साल सितंबर में यूपी में जब विधानसभा उपचुनाव हुए थे तो अपर्णा यादव को टिकट न देकर लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी ने मेजर आशीष चतुर्वेदी को मैदान में उतारा था | हालाँकि 2017 में लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अपर्णा यादव थीं जबकि उप चुनाव में पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया था |
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी यहां से चुनाव जीती थीं | उन्होंने अपर्णा यादव को कड़ी टक्कर देकर शिकस्त दी थी | इस दौरान अपर्णा दूसरे नंबर पर रही थीं | अपर्णा यादव उपचुनाव में स्वयं को स्वभाविक दावेदार मानकर चल रही थी | लेकिन समाजवादी पार्टी ने आशीष चतुर्वेदी पर दांव लगाकर अपर्णा को हाशिये पर डाल दिया था | माना जा रहा है कि यूपी में नये सियासी समीकरण बन रहे है | ये समीकरण समाजवादी पार्टी पर भारी भी पड़ सकते है |