कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार को लेकर कोहराम, श्मशान घाटों में शवों के लिए नहीं है जगह, चार दिन लंबी वेटिंग लिस्ट, पीड़ितों ने दिल्ली सरकार को लिया आड़े हाथों

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दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों को सम्मान के साथ अंतिम विदाई तक नहीं मिल पा रही है | यही नहीं मर्चुरी फुल होने से कई मरीजों की लाशे अब भी अस्पतालों के कॉरिडोर या अनुपयोगी स्थानों पर रखी है | कई मरीजों के परिजन तस्दीक कर रहे है कि कुछ लाशों को मेडिकल कक्ष के पलंग के नीचे तक रख गया है |

इसके पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने मृतकों के साथ सम्मान जनक व्यवहार को लेकर सरकार को दिशा निर्देश भी दिए थे | इसके बावजूद भी लाशों के रख रखाव को लेकर दिल्ली सरकार कोई ठोस प्रयास नहीं कर पाई है | स्थिति जैसे पहले थी, वैसी अब भी बनी हुई है |

उधर मृतकों के अंतिम संस्कार को लेकर शमशान घाटों में प्रभावितों को जमकर मशक्कत करनी पड़ रही है | यहाँ चार दिनों तक की वेटिंग शुरू हो गई है | ऐसी स्थिति देखकर दिल्ली वासी हैरत में है | दरअसल दिल्ली में कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं |

बेकाबू होते मौत के आंकड़े के चलते शमशान घाटों में भी लगातार भीड़ बढ़ती जा रही हैं | कई मृतकों के परिजन लाशों को खुद अग्नि देना चाहते है जबकि कई लोगों ने संक्रमण के डर से अपने परिजनों की लाशों को अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम और दूसरी संस्थाओं को सौंप दिया है |

दिल्ली के निगमबोध घाट में सालों से अंतिम संस्कार करा रहे आचार्यों का भी कहना है कि कोरोना काल में उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं | बीते 15 दिनों से रोजाना 40 से 50 शवों का अंतिम संस्कार निगमबोध के आचार्य और उनकी टीम करा रही है | हालात ये हैं कि वे भी अब थक चुके हैं | लगातार बढ़ रही लाशों को देखकर वे भी परेशान हो गए हैं |

उनका कहना है कि जब कोरोना से मरने वाले लोगों की डेड बॉडी ज्यादा आने लगी तो सरकार ने 4 और श्मशान घाटों को तैयार करना शुरू किया है | उन्होंने बताया कि आज सुबह से तकरीबन 20 से 25 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है |

अभी और भी लगातार शव आ रहे हैं | उनके अलावा भी निगम कर्मी और सामाजिक कार्यकर्ता कई लाशों का अग्नि संस्कार कर रहे है | निगमबोध घाट में आलम अब यह है कि जो 48 प्लेटफार्म हैं, वे भी अब दिनों दिन कम पड़ते जा रहे हैं, यही वजह है कि नदी किनारे नई चिताओं के लिए 25 और जगहें तैयार की जा रही हैं | इस शमशान घाट में 24 घंटे दाह क्रिया जारी है | आलम यह है कि श्मशान घाटों में अब जगह कम पड़ रही है | यही वजह है कि दिल्ली में जहां पहले दो श्मशान घाट थे, उनको बढ़ा कर 4 कर दिया गया है |

श्मशान घाट में रोजाना शवों की दाह क्रिया को लेकर पहुंचे लोगों को अंतिम संस्कार के लिए 5 से 6 घंटे तक का वक्त लग रहा है | जानकारी के मुताबिक निगमबोध घाट में लोगों के अंतिम संस्कार के लिए 100 के करीब प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें से इन दिनों 48 प्लेटफार्म पर कोरोना के मरीजों का अंतिम संस्कार होता है | लेकिन स्थिति यह है कि सभी प्लेटफॉर्म पूरी तरह से संक्रमित मरीजों के शवों से भरे हुए हैं | यहाँ एक के बाद एक एंबुलेंस में शवों को रखकर अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है |

ऐसा ही कुछ हाल पंजाबी बाग क्रीमेशन ग्राउंड का है | यहाँ भी दिन रात लाशों का ताँता लगा है | यह इकलौता कंप्लीट कोरोना ग्राउंड है, जहाँ कोरोना संक्रमित मरीजों की दाह क्रिया के लिए 4 सीएनजी और 71 लकड़ी से चिताओं के जलाने की व्यवस्था है | लोगों के मुताबिक लाशों को जल्द ठिकाने लगाने के लिए यहाँ सभी प्लेटफॉर्म पर एक साथ कई चिताओं को जलाया जा रहा है | उनके मुताबिक यहाँ का दृश्य और भी भयावह है |

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