मुंबई वेब डेस्क / भारत के सबसे उम्रदराज प्रथम श्रेणी क्रिकेटर वसंत रायजी का निधन हो गया | 100 साल के वसंत रायजी अक्सर स्टेडियम में दिखाई देते थे | उनके निधन से क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों को गहरा धक्का लगा है | हालाँकि उन्हें इस बात का संतोष है कि वो पहले ऐसे क्रिकेटर है, जिन्होंने सिर्फ खेल के मैदान में नहीं बल्कि जीवन के इस पड़ाव में भी शतकीय पारी खेली |
इसी साल 26 जनवरी को ही वसंत रायजी ने अपनी जिंदगी का शतक पूरा किया था | तब सचिन तेंदुलकर और स्टीव वॉ भी उनसे मिलने गए थे | वसंत रायजी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं | उनके दामाद सुदर्शन नानावटी ने बताया कि ‘वह वृद्धावस्था के कारण दक्षिण मुंबई के वालकेश्वर में अपने निवास पर सोते समय 2.20 बजे निधन हो गया |’
वसंत रायजी ने 1940 के दशक में नौ प्रथम श्रेणी मैच खेले थे जिसमें 277 रन बनाए थे | उनका उच्चतम स्कोर 68 रन था | इतिहासकार रायजी तब 13 साल के थे, जब भारत ने दक्षिण मुंबई के बांबे जिमखाना में पहला टेस्ट मैच खेला था | वसंत रायजी भारतीय क्रिकेट की संपूर्ण यात्रा के गवाह रहे हैं | वह बंबई और बड़ौदा के लिए खेला करते थे |
रायजी ने लाला अमरनाथ, विजय मर्चेंट, सीके नायडू और विजय हजारे के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया है | उन्होंने कई किताबें लिखी हैं | खेल के मैदान में उनकी मौजूदगी खिलाड़ियों में जोश भर देती थी | जब कभी भी भारतीय टीम मुंबई में मैदान में उतरती वसंत रायजी उसकी हौसला अफजाई के लिए स्टेडियम जरूर पहुंचते |