ICC के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी, आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है , देश का आत्मनिर्भर होना जरूरी , उद्योग जगत के लिए PM मोदी का मंत्र – लोकल के लिए वोकल होना जरूरी, स्वदेशी को अवसर बनाएं

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दिल्ली वेब डेस्क / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के विशेष कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। ये आईसीसी का 95वां सालाना कार्यक्रम है। सरकार का लक्ष्य कोरोना संक्रमण को रोकने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना है। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी बनाना है। ये प्वाइंट आत्मनिर्भर भारत है। पीएम ने कहा कि 95 वर्ष से निरंतर देश की सेवा करना, किसी भी संस्था या संगठन के लिए अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है | आईसीसी ने पूर्वी भारत और उत्तर पूर्व के विकास में जो योगदान दिया है, विशेषकर वहां की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को, वो भी ऐतिहासक है | 

पीएम मोदी ने कहा कि आईसीसी ने 1925 में अपने गठन के बाद से आज़ादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है और भारत की विकास पथ का भी आप हिस्सा रहे हैं | अब इस बार की ये एजीएम एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश मल्टीपल चैलेंजेस को चैलेंज कर रहा है | कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं | पीएम ने कहा कि कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं लॉकस्ट, ‘पोंगोपाल’ का कहर, कहीं ओलावृष्टि, कहीं असाम ऑयल फिल्ड में आग, कहीं छोटे-छोटे भूकंप..

पीएम बोले कि कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है | कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं | लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है | हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत, यानि हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है | जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं | ये हमारी एकजुटता, ये एक साथ मिलकर बड़ी से बड़ी आपदा का सामना करना, ये हमारी संकल्पशक्ति, ये हमारी इच्छाशक्ति, हमारी बहुत बड़ी ताकत है, एक राष्ट्र के रूप में हमारी बहुत बड़ी ताकत है |  मुसीबत की दवाई मजबूती है | 


यही भावना मैं आज आपके चेहरे पर देख सकता हूं, करोड़ों देशवासियों के प्रयासों में देख सकता हूं | कोरोना का संकट पूरी दुनिया में बना हुआ है। पूरी दुनिया इससे लड़ रही है। कॉरोना वॉरियर्स के साथ हमारा देश इससे लड़ रहा है | लेकिन इन सबके बीच हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी बनाना है | 

पीएम मोदी ने कहा कि  आत्म निर्भर भारत, स्व विश्वसनीय भारत | आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक आकांक्षा की तरह जिया है | लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है | उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ी वजह रही है कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है | अब कोरोना क्राइसिस ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है | इसी सबक से निकला है- आत्मनिर्भर भारत अभियान | 

पीएम मोदी ने कहा कि हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर है, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं उत्पादों का भारत निर्यातक कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है। हम इन छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोगों से केवल चीज ही नहीं खरीदते, पैसे ही नहीं देते, उनके परिश्रम को पुरुस्कृत करते हैं, मान-सम्मान बढ़ाते हैं। हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि इससे उनके दिल पर कितना प्रभाव पड़ता है, वो कितना गर्व महसूस करते हैं।

किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने उत्पाद, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आजादी मिल गई है। स्थानीय उत्पाद के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर हैं। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।

इसके साथ ही बांस और जैविक उत्पाद के लिए भी क्लस्टर्स बनेंगे। सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, ऑर्गैनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बन सकता है। ऑर्गैनिक कैपिटल बन सकता है।