अब देश के कई राज्यों में कोरोना टेस्ट को लेकर प्राइवेट लैब का बड़ा फर्जीवाड़ा, निगेटिव रिपोर्ट को बता रहे पॉजिटिव, आधा दर्जन लैब के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश, एक पर मामला दर्ज, संदेही मरीजों को सतर्क होना जरुरी, पढ़े लैब के नाम -आपके इलाके में भी तो नहीं

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नोएडा वेब डेस्क / देश में कोरोना संक्रमण को लेकर शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण अंचल इस महामारी से जंग लड़ रहा है, तो ऐसे में कुछ प्राइवेट लैब ने जमकर लाभ कमाने के लिए कई लोगों की जान जोखिम में डाल दी है | कोरोना मेडिकल टेस्ट को कई लैब ने कमाई का धंधा बना लिया है | इसके पूर्व कोरोना संक्रमण के महंगे इलाज और भारी भरकम बिलों को लेकर कई प्राइवेट अस्पताल चर्चा में रहे है |

लेकिन अब पैथोलॉजी लैब भी संक्रमण काल में मरीजों को लूटने में जुटी है | यह देखने में भी आया है कि ICMR की कई गाइडलाइंस को दरकिनार करते हुए संदेहियों के गलत तरीके से सैंपल इकट्ठा कर उनकी जान खतरे में डाली जा रही है | जानकारी के मुताबिक जो लोग कोरोना नेगेटिव हैं, उन्हें ये लैब्स पॉजिटिव बता रही हैं | सिर्फ चंद रुपयों की कमाई के खातिर |

दिल्ली में तेजी से फ़ैल रहे संक्रमण के चलते कई लोगों की सांसे फूली हुई है | मौसम में आये बदलाव के चलते भी हज़ारों लोग सामान्य सर्दी खांसी और बुखार से पीड़ित रहे है | पड़ताल के दौरान पता चला है कि दिल्ली और नोएडा में 120 से ज्यादा ऐसे लोग पाए गए जिनकी पहली कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव और इसी दिन दूसरी लैब में कराई गई जाँच नेगेटिव पाई गई | ये सभी हल्के बुखार, खांसी और ज़ुखाम की शिकायत लेकर अपने फैमिली डॉक्टर या फिर अपने-अपने घरों के नजदीक प्राइवेट डॉक्टर्स के पास गए थे |

डॉक्टरों ने एतिहातन इन्हें कोरोना टेस्ट की सलाह दी थी | इन लोगों ने प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्ट करवाया था | लैब के कई लोगों ने इनके घर जाकर भी सैंपल इकट्ठा किए थे | मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ज्यादातर लोगों को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया | कई मरीजों को ग्रेटर नोएडा शारदा अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया |

जहां इनकी दोबारा से जांच की गई | हैरानी की बात ये है कि करीब 20 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव आई, जिसे नोएडा प्रशासन ने गंभीरता से लिया | कई ऐसे मरीज पाए गए जिनकी एक लैब से कोरोना पॉजिटिव जबकि दूसरी लैब से नेगेटिव रिपोर्ट आई | यही नहीं दो दिन तक सर्दी खांसी से परेशान रहने के बाद ये मरीज पूरी तरह से ठीक हो गए | हालाँकि ऐसे मरीजों ने भी सरकारी लैब में जाँच कराई और वे नेगेटिव पाए गए | दिल्ली और एनसीआर में प्राइवेट लैब के गोरखधंधे से हड़कंप मच गया है |

प्राइवेट लैब के सैंपल इकट्ठा करने के तरीकों पर भी सवाल उठ रहा है | पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आया कि कुछ प्राइवेट लैब के कर्मचारी लोगों के घर जाकर गलत तरीके से सैंपल इकट्ठा कर रहे थे | उन्होंने सैंपल का टेम्परेचर मेंटेन नहीं किया और ना ही उसे सुरक्षित तरीके से रखा |

दिल्ली एनसीआर में प्राइवेट लैब की गलत रिपोर्ट को लेकर जो लैब जाँच के घेरे और कार्रवाई की जद में आई है | उनमे लाइफलाइन लैब, मॉडर्न लैब, स्टार इमेजिंग लैब, oncquest Lab और Accuris Lab का नाम शामिल है | शिकायत है कि इन लैब ने जो लोग कोरोना नेगेटिव थे उन्हें पॉजिटिव बता दिया था | चंद पैसों के लालच में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाली इन लैब्स के कारनामे को लेकर शिकायते लगातार आ रही हैं |

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इनमें से एक लैब के खिलाफ तो मामला भी दर्ज किया जा चुका है | ज्यादातर पैथ लैब दिल्ली और गुरुग्राम के अलग-अलग इलाकों में स्थित हैं | इनके कर्मचारी मोटरसाइकिल पर लोगों के घर जाकर सैंपल इकट्ठा करते हैं | ये लैब एक टेस्ट की कीमत 4,000 रुपये से 5,000 हजार रुपये तक वसूलती है | फ़िलहाल लोगों की शिकायतों के बाद प्रशासन इन पर शिकंजा कंसने की तैयारी में है |