छत्तीसगढ़ के महासमुंद में धान घोटाला , लाखों की धान की अफरा-तफरी , 2  करोड़ 10 लाख का धान अमानक करार , इस धान को संग्रहण केंद्र में अरजेस्टमेंट करने में जुटे कर्मचारी , घोटाले के पीछे किसका हाथ ? जांच की जरूरत   

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रिपोर्टर – अरविंद यादव 

महासमुंद / महासमुंद जिले में सुनियोजित रूप से अंजाम दिए गए धान घोटाले को लेकर जांच की मांग की जा रही है | स्थानीय लोगों ने मामले की शिकायत जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री सचिवालय से की है | शिकायत में धान घोटाले के तमाम तथ्यों को अधिकारीयों के संज्ञान में लाया गया है | बताया जाता है कि  धान खरीदी केंद्र आरंगी में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है |

प्रशासन को की गई शिकयत के मुताबिक आरंगी धान खरीदी केंद्र के प्रभारी उमेश भोई पर अमानक और बिना धान के फर्जी तरीके से खरीदी चढ़ाकर कर करोडो के वारे न्यारे करने का आरोप लगाया गया है | बताया जाता है कि धान खरीदी की शिकायत के बाद जब जांच टीम ने खरीदी केंद्र मे खरीदे गए धान के बोरियों का वजन करवाया तो बोरियों मे धान का वजन कम पाया गया | जांच दल ने 40 – 40 किलो के कई बोरियों का वजन किया गया तो, बोरियों मे धान का वजन 23 किलो,25 किलो, 26 किलो 29 किलो 39 निकल रहा है | जिसका औसत वजन 32 किलो बताया जा रहा है | यह भी बताया जा रहा है कि  आरंगी धान खरीदी केंद्र से संग्रहण केंद्र बसना   भेजे गए 2  करोड़ 10 लाख के सात स्टेक धान अमानक  पाया गया है | इसे जांच दल के निर्देश पर संग्रहण केंद्र के बाहर रखा गया है | जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि अमानक धान किसी  भी स्थिति में संग्रहण केंद्र में नहीं लिया जायेगा !

वर्ष 2019 -20 में 1 दिसम्बर से समर्थन मूल्य में किसानो से धान की खरीदी राज्य सरकार  द्वारा की गई थी |  महासमुंद जिले के आरंगी धान खरीदी केंद्र में जमकर फर्जीवाड़े के खुलासे से लोग हैरत में है | बताया जाता है कि फर्जीवाड़ा कर करोडो की धान खरीदी इस केंद्र में की गई है | आरंगी धान खरीदी केंद्र मे सरकारी रिकोर्ड मे 24 करोड़ 73 लाख 29 हजार 5 सौ 96 रुपये की 136210.40 क्विंटल धान की खरीदी करना दर्शाया गया है | जबकि हकीकत में इतना अधिक धान खरीदी केंद्र पर आया ही नहीं | 

बताया जाता है कि  फर्जीवाडे के खुलासे से बचने के लिए  40 किलो के बोरियो से धान निकालकर दूसरे बोरे में धान भरी गई | इस तरह से केंद्र में धान की बोरी की संख्या बढ़ाई गयी | जबकि दूसरी ओर बोरियो में रखे धान का वजन कम हो गया। शिकायत के बाद जब जांच अधिकारियो ने धान के 40 किलो के बोरे  में ख़रीदे गए धान का तौल करवाया तो बोरे में रखे धान का वजन 23 किलो,25 किलो, 26 किलो 29 किलो 39 किलों पाया गया |  इस तरह से  प्रति बोरे में 8 किलो धान कम पाया गया है ! 

1 लाख 36 हजार क़्वींटल के धान खरीदी में, प्रति क्विंटल लगभग 20 किलो धान कम है तो अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकार को कर्मचारियों द्वारा कितने करोड़ का चुना लगाया गया है ? शासन  के  0 % शॉर्टेज लाने के फरमान में बाद खरीदी प्रभारी रवि फसल के धान को खरीब के फसल के बदले संग्रहण केंद्र भेजने के लिए खरीद रहा है ! नियमतः खरीब के धान के बदले रवि फसल के धान को संग्रहण केंद्र नहीं भेजा जा सकता है | लेकिन मामले को रफा-दफा करने के लिए इसे अंजाम देने की कवायद जारी है | उधर जांच के दौरान मौके पर उपस्थित किसानो का कहना है की इस बार 0 % शार्टेज आना है जिसकी ज़िम्मेदारी धान खरीदी प्रभारी की है शार्टेज आएगा तो  खरीदी प्रभारी भरेगा ! उनके मुताबिक शार्टेज आने से समिति को नुकसान होता है !

इधर महासमुंद के जिला विपणन अधिकारी सतोष पाठक का कहना है कि अमानक धान किसी भी सूरत में नहीं लिया जायेगा | उनके मुताबिक  अगर धान रिजेक्ट होता है उसकी कटौती सोसाइटी को मिलने वाली राशि से की जाएगी | उन्होंने कहा की अगर धान खरीदी केंद्र में धान कम है उसको मैनेज करने के लिए रवि फसल का धान अगर खरीदी केंद्र प्रभारी  भेजता है तो  तो उसे भी नहीं लिया जायेगा | 

https://youtu.be/KAL8yQ0d9mo

इस फर्जीवाड़ा को लेकर आरंगी धान खरीदी के प्रभारी उमेश भोई से बात करने की कोशिश की गई | लेकिन उन्होंने जांच का हवाला देते हुए बात करने से इंकार कर दिया |