रायपुर में स्कूल में चौपाटी, ऐतिहासिक सप्रे स्कूल में चौपाटी का निर्माण का विरोध, कहा – स्कूल में चौपाटी बनाना अच्छी बात नहीं है सरकार, कम से कम स्कूलों को तो बक्श दो, वर्ना पढ़ने के बजाये चौपाटी में नज़र आएंगे छात्र, बढ़ी पालकों की चिंता

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रायपुर / राजधानी रायपुर के नगर निगम के एक फैसले से लोग हैरत में है | वो सवाल कर रहे है कि स्कूल में वे अपने बच्चों को पढ़ने लिखने भेजेंगे या फिर चौपाटी में काम सीखने, बाल मजदूरी करवाने | दरअसल रायपुर के ऐतिहासिक सप्रे स्कूल के फुटबाल मैदान में निगम चौपाटी बनाने जा रहा है | लोगों को निगम के फैसले की जानकारी उस समय लगी जब शनिवार को निगम अमला मौके पर पहुंचा और स्कूल मैदान की खुदाई में जुट गया | स्थानीय लोगों ने जब इस नज़ारे को देखा तो वे चौक गए | उन्हें निगम के फैसले और पार्षदों की सोच पर हैरत हुई | उन्होंने मैदान में चल रही खुदाई को रुकवाया |

रायपुर का सप्रे स्कूल काफी पुराना है | उसकी गिनती राज्य के ऐतिहासिक स्कूलों में होती है | रायपुर के गिने चुने कुछ स्कूल ही बचे है जहाँ बच्चों के लिए खेल कूद के मैदान और पर्याप्त जमीने है | इसके विस्तार की योजनाए बनाने के बजाये स्कूल परिसर में चौपाटी बनाना वाकई लोगों के लिए हैरानी भरा मामला है | यह भी उल्लेखनीय है कि सप्रे स्कूल में अध्ययन कर कई छात्र बड़े ओहदो पर पहुंचे | उन्होंने देश में छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया |

उधर बताया जा रहा है कि बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण योजना के तहत सप्रे स्कूल मैदान का भी बंटाधार करने का उपक्रम शुरू हो गया | हालाँकि मामलों को लेकर में नगर निगम का कोई जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने के लिए तैयार नहीं है | उधर इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि उन्होंने खुदाई करवा रहे इंजीनियर और स्मार्ट सिटी के अफसरों से बातचीत की | लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया | 

प्रदर्शन कर रहे निकेश जैन और आशीष ने बताया कि इस क्षेत्र में एकमात्र यही गार्डन है, जहां खिलाडी प्रेक्टिश करते हैं | बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग और ईवनिंग वॉक करते हैं | इसके अलावा समय समय पर आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रमों के लिए यहाँ पार्किंग व्यवस्था की जाती है | ऐसे में यहाँ चौपाटी बनाना बेतुका फैसला है | उन्होंने बताया कि स्कूल परिसर में चौपाटी बनने से हज़ारों छात्रों की पढ़ाई बाधित होगी | छात्रों का मन पढाई में नहीं बल्कि चौपाटी में लगेगा | उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए मैदान में चौपाटी नहीं बनने देंगे |

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उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन है कि कोई भी विकास कार्य के चलते गार्डन और स्कूल परिसर को क्षति नहीं होनी चाहिए | उधर महापौर एजाज ढेबर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधन से एनओसी लेने के बाद विकास का कार्य शुरू किया जा रहा है | उनके मुताबिक़ सप्रे स्कूल को दो करोड़ और दानी स्कूल को छह करोड़ रुपया आवंटित कर विकास कार्य को मंजूरी दी गई है |