मुंबई / रांची वेब डेस्क – अभी तक देश के तमाम हिस्सों में मजदूरों को पैदल कदम बढ़ाते आपने देखा होगा | यह भी देखा होगा कि ट्रक से लटकते हुए या फिर बस-ट्रेन में घर जाने के लिए वे कितनी जद्दोजहद कर रहे है | लेकिन देश में पहली बार मजदूरों की घर वापसी फ्लाइट से हुई है | मुंबई से मजदूरों को लेकर एक फ्लाइट जब रांची के लिए रवाना हुई तो लोगों की आंखे इस नज़ारे को देख कर फूले नहीं समाई | एक एनजीओ की मदद से 177 मजदूरों को एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया था | रांची में जब इस फ्लाइट ने लैंड किया तो खुद राज्य के श्रम मंत्री ने इन मजदूरों की अगवानी की | वे पूरे समय एयरपोर्ट पर मौजूद रहें | इसके साथ ही झारखंड सरकार की चर्चा देश भर में हो रही है |
उधर मजदूर भी हवाई जहाज में बैठने से गदगद नज़र आ रहे थे | उन्हें सरकार के इस कदम की कल्पना तक नहीं थी | मुंबई के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार तड़के 177 प्रवासी मजदूरों की लाइन लग गई | इन मजदूरों ने सुबह 6 बजे एयर एशिया की फ्लाइट से उड़ान भरी | मौके पर बैंगलोर लॉ स्कूल एलुमनाई एसोसिएशन की प्रियंका रमन सुनिश्चित कर रही थीं कि हर कोई हवाई अड्डे तक पहुंच गया या नहीं | इस लॉ स्कूल के पूर्व छात्रों के संघ ने कुछ एनजीओ के साथ मिलकर न केवल मुंबई के विभिन्न हिस्सों से प्रवासियों को इकट्ठा किया बल्कि उनके हवाई टिकट की भी व्यवस्था की थी |
प्रियंका रमन का कहना है कि हम जानते थे कि रांची के कई प्रवासी हैं, जो वापस जाना चाहते थे, इसलिए हमने कोशिश की और वापस भेजने का फैसला किया | प्रियंका कहती हैं कि हमने ऐसे प्रदेश के मजदूरों को वापस भेजने का फैसला किया था, जहां परिवहन संपर्क खराब हो | अंत में हमने फैसला किया कि हम झारखंड के लोगों को वापस भेजेंगे | इसके लिए एलुमनाई के पूर्व छात्रों ने फंडिंग का आयोजन किया, जिसमें सभी प्रवासियों के लिए टिकट, हवाई अड्डा शुल्क और परिवहन शुल्क शामिल थे | बड़ी संख्या में मजदूर आज हवाई जहाज से झारखंड लौटे | इन मजदूरों की खुशी साफ दिखाई दे रही थी कि वे अपने घर जा रहे है |
प्रवासी मजदूर मंजू देवी का बताया कि हम इसलिए वापस जा रहे हैं, क्योंकि यहां फिर से काम शुरू होने की कोई गारंटी नहीं है | हम अब वापस नहीं लौटेंगे | उनके मुताबिक पिछले दो महीनों से यहां उन्होंने बहुत सारी समस्याओं का सामना किया | मंजू ने बताया कि उसका पति विरार में ड्राइवर था | पिछले दो महीनों से उन कठिनाइयों को याद करते हुए मंजू कहती हैं कि बहुत कम खाना था और छोटे बच्चों के साथ इसका प्रबंधन करना मुश्किल था | वह कहती हैं कि झारखंड में घर चलाना मुश्किल होगा, लेकिन कम से कम वे घर पर ही होंगे |प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की मुहिम का जिम्मा संभल रही |
प्रिया शर्मा का कहना है कि हम जानते हैं कि रांची के लिए कई ट्रेनें नहीं थीं, इसलिए हम मुंबई और पुणे में फंसे प्रवासियों की तलाश कर रहे थे | उन्होंने बताया कि फ्लाइट के लिए प्रवासियों को राजी करना आसान नहीं था, क्योंकि हाल के दिनों में कई लोगों को कंफ्यूज किया गया था | एक्टिविस्ट और पूर्व छात्रों के समूह का कहना है कि अगर देश की अन्य राज्य सरकारों से समर्थन मिलेगा तो वे उन राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को भेजने के लिए मदद करेंगे |
उधर झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्लेन से झारखंड के मजदूर अपने राज्य लौटे है | उनकी सकुशल वापसी हुई है | उन्होंने बताया कि अंडमान में फंसे लोगों को लाने के लिए दो और फ्लाइट जल्द ही रांची में लैंड करेगी | उन्होंने दावा किया है कि फ्लाइट का किराया राज्य सरकार ही वहन कर रही है |