अब चीन – नेपाल के सूर ढीले पड़े, नक्शा विवाद में पीछे हटा नेपाल, तो चीन ने भी आपस में मिल बैठ विवाद सुलझाने की बात कही, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा – वे भारत – चीन के बीच मध्यस्थता को तैयार

0
8

दिल्ली वेब डेस्क / चीन को लेकर भारत के कड़े मंसूबे से चीन और नेपाल  के सूर बदल गए है | चीनी राजदूत  ने कहा है कि दोनों देश मिल बैठकर आपसी विवाद सुलझा लेंगे | उन्होंने यह भी कहा है कि एक दूसरे देशों में दोनों के लिए अवसर है | चीनी राजदूत का बयान उस समय आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने के लिए वे मध्यस्थता के लिए तैयार है | इसके बाद नेपाल के  तेवर भी ठंडे पड़ गए | नेपाल ने उस प्रस्ताव को वापस ले लिया जो नया नक्शा जारी कर उसने भारत पर उसकी जमीन कब्ज़ा करने का आरोप लगाया था | नेपाल ने कुछ भूभाग को समेट‌ कर नया नक्शा प्रकाशित करने के बाद राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में आए दरार को देखते हुए एक कदम पीछे हटाया है | 

नेपाल की तरफ से जारी नए नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज नेपाली संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था | लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर संसद की कार्यसूची से आज संविधान संशोधन की कार्यवाही को हटा दिया | नेपाल के सत्तापक्ष‌ और प्रतिपक्षी दल दोनों की आपसी सहमति से ही संविधान संशोधन विधेयक को फिलहाल संसद की कार्यसूची से हटाया गया है | मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नए नक्शे वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी | इस बैठक में सभी दल के नेताओं ने भारत के साथ बातचीत कर किसी भी मसले को सुलझाने का सुझाव दिया था |

बताया जाता है कि भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता का माहौल बनाने के लिए नेपाल ने अपनी तरफ से यह कदम उठाया है | भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी | भारतीय रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल ने नए नक्शे को संसद में पेश नहीं कर कूटनीतिक रूप से परिपक्वता का उदाहरण दिया है | नेपाल की ओर से अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र दिखाए जाने पर भारत ने प्रतिक्रिया दी थी | विदेश मंत्रालय ने नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी | विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, ‘हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे | 

साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे | दरअसल, नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है | नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था |  इसका बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था | 

ये भी पढ़े : छत्तीसगढ़ में अब सड़कों पर ऑटो-टैक्सी  , लेकिन दिशा-निर्देशों का करना होगा पालन ,गुरुवार से लौटेगी सड़कों की रौनक ,  राज्य सरकार ने जारी किया आदेश 

दरअसल 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था | इसको लेकर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी | इसके बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था और इसमें भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया है |