बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के नाम से जाना जाएगा बस्तर विश्वविद्यालय , झीरम घाटी शहादत दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया ऐलान 

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रायपुर / आज झीरम घाटी शहादत दिवस है। ऐसा दिन जो छत्तीसगढ के इतिहास में एक बडी त्रासदी के रूप में दर्ज हुआ है। आज से सात साल पहले आज के ही दिन नक्सलियों ने बस्तर सुकमा जिले के झीरम घाटी इलाके में कांग्रेस के काफिले पर हमला कर कांग्रेस के कई बडे नेताओं की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा भी शहीद हुए थे। झीरम घाटी हमले की सातवीं बरसी पर आज शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनका स्मरण किया गया।

इस मौके पर राजधानी रायपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सीएम भूपेश बघेल ने बडी घोषणा की है। सीएम की घोषणा के अनुसार अब बस्तर विश्वविद्यालय को शहीद बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के नाम पर जाना जाएगा।

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सीएम भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ में कांग्रेस के आधार स्तंभ रहे कर्मा जैसे नेता को खो देने का गम जिंदगी भर रहेगा। कर्मा ने बस्तर और आदिवासियों के विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। वे चाहते थे कि बस्तर चिकित्सा, शिक्षा सहित सभी बुनियादी सुविधाओं वाला क्षेत्र बने, ताकि यहां के लोगों का सही मायने में विकास हो सके। बस्तर की सबसे बडी शैक्षणिक संस्था बस्तर विश्वविद्यालय का नाम अब शहीद महेन्द्र कर्मा के नाम पर जाना जाएगा। यह कदम शहीद कर्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगा।

बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर महेंद्र कर्मा वर्ष 2004 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। 2005 में, उन्होंने छत्तीसगढ़ में माओवादी समूह नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम आंदोलन में शीर्ष भूमिका निभाई थी। वह 2000 से 2004 में राज्य गठन के बाद से अजीत जोगी कैबिनेट में उद्योग और वाणिज्य मंत्री थे। 25 मई 2013 को झीरम घाटी हमले में वे शहीद हुए।