रायपुर / कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आज पूरा देश लॉक डाउन है। लोग अपने घरों में रहकर सरकार और अपनी हिफाजत कर रहे हैं। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और कोरोना वायरस अपने पैर ना प्रसार सके इसलिए सभी राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सरकार ने भी मार्च-अप्रैल में होने वाले शिक्षा कार्यक्रमों और परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। नई तिथियों को लेकर अभी तक सूचना सामने नहीं आई है। लेकिन आज यूनिवर्सिटी और कॉलेज की परीक्षाएं, जिन्हें टाल दिया गया था उन पर फैसला सुनाया जाएगा। साथ ही ये भी पता चलेगा कि छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया जाएगा या नहीं। इस फैसले से लाखों विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा था कि अब परीक्षा होगी या नहीं? आगे क्या होगा? ऐसे कई सवाल उठ रहे है। इस बीच छात्र संगठन एनएसयूआई ने एक मुहिम शुरू कर दी। मुहिम के तहत कॉलेज छात्रों के लिए जनरल प्रमोशन की मांग जोरो पर है |
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने सभी जिले, ब्लॉक और कॉलेज लेवल के पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने नजदीकी कॉलेज में इसके लिए कैंपेन शुरू करें। प्रदेशभर में लगातार इसके लिए इवेंट हुए। कॉलेज प्राचार्य से लेकर यूनिवर्सिटी के कुलपति तक को ज्ञापन सौंपा गया। सभी जगहों से अलग-अलग फीडबैक मिले। कल इसका सकारात्मक असर देखने को मिला। जब एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश और उनके पदाधिकारी प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से मुलाकात करने पहुंचे। काफी लंबी चर्चा हुई। कॉलेज छात्रों के हित में कई बातें हुई। तब एक पॉजिटिव रिस्पांस मंत्री पटेल की ओर से देखने को मिले।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना माहामारी का दौर चल रहा हैं। कोरोना वायरस से देश और हमारे प्रदेश मे संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। वर्तमान परिदृश्य में कॉलेज में परीक्षा का आयोजन मुश्किल है। छात्र भी इसके लिए तैयार नही है। छात्रों की जिंदगी से महत्वपूर्ण और कुछ नही हैं। इसलिए एनएसयूआई ने छात्रहित में जनरल प्रमोशन देने की मांग शासन से की है।
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एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने मंत्री पटेल को यह भी बताया कि ऐसे समय में छात्रों को परीक्षा और परीक्षा केंद्र से दूर रखा जाएं। एनएसयूआई तत्कालीन समय के अनुसार महाविधालयों में किसी भी प्रकार की परीक्षा के आयोजन का विरोध करती है। उनकी मांग है कि छात्रों को सीधा अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए। आंतरिक मूल्यांकन अर्थात इंटरनल मार्किंग से परिणाम तैयार हो। या फिर कोई असाइनमेंट देकर छात्रो का मूल्यांकन करें, असाइनमेंट भी ऐसा हो कि छात्र घर बैठे ही बिना किसी तनाव के इसे पूरा करें। पूरी बात सुनने के बाद मंत्री उमेश पटेल ने छात्रों से कहा है कि इसके लिए क्या जरूरी कदम हाे सकते हैं। इसका फैसला जल्द होगा। यूनिवर्सिटी के कुलपतियों से भी चर्चा की जा रही है।