रिपोर्टर- मनोज सिंह चंदेल
राजनांदगाव / कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में कैद है | इस दौरान कुछ लोग टेलीविजन के माध्यम से तो कुछ किताबे और मोबाइल के जरिये अपना समय व्यतीत कर रहे है | लेकिन स्कूलों के बंद हो जाने से बच्चों का समय नहीं कट पा रहा है | ऐसे में वे मोबाइल और टेबलेट में गेम खेलकर अपना मनोरंजन कर रहे है | लेकिन इसके चलते कई माता पिता व परिजन बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित है | उन्हें डर है कि अत्यधिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करने से उनकी आँखों और सेहत पर बुरा असर भी पड़ रहा है | ऐसे में वे बच्चों को ज्यादा मोबाइल का उपयोग करने से मना भी करते है | लेकिन इसका परिणाम उन्हें ही भुगतना पड़ रहा है |
ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव जिले के खैरागढ से सामने आया है | जहां एक बालक मोबाईल पर पबजी गेम खेल रहा था | लेकिन उसके परिजनों को उसका गेम खेलना रास नहीं आया और उन्होंने उसे जमकर फटकार लगाते हुए गेम खेलने से मना कर दिया | इससे ये बच्चा इस कदर नाराज हुआ कि उसने घर छोड़ने का फैसला ले लिया , और बिना बताये घर से भाग निकला | बताया जा रहा है कि जिस वक्त ये बालक अपने घर से निकला उस समय घर के सभी सदस्य गहरी नींद में सो रहे थे |
लेकिन सुबह जब परिजनों की नींद खुली तो उनके होश उड़ गए | क्योकि बच्चा घर में मौजूद नहीं था | पहले तो परिजनों ने कुछ देर तक उसकी आसपास तलाशा की | लेकिन उसका जब कही पता नहीं चला तब मामले की सूचना खैरागढ पुलिस को दी गई| सूचना मिलने पर पुलिस ने बालक के पास मौजूद मोबाइल से उसका लोकेशन ट्रेस किया और महाराष्ट्र से इस बच्चे को सकुशल बरामद किया है |
जानकारी के मुताबिक खैरागढ़ अपने निवास से निकले के बाद इस बच्चे को रास्ते में मजदूरों का एक काफिला मिला और वो उसमे शामिल होकर मजदूरों के साथ हो लिया | उनके साथ कुछ दूर पैदल चलने के बाद उसे एक बस मिली और उन्होंने इस बालक को भी मजदूर समझकर अपने साथ रख लिया | इसके बाद ये बच्चा इन मजूदरों के साथ महाराष्ट्र बुलढ़ाना पहुँच गया | राजनांदगांव पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर बुलढाना पुलिस से मदद ली और फिर इस बच्चे को सकुशल बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया है ।