महाभारत समेत कई धार्मिक फिल्मों में “देवराज इंद्र” का किरदार निभाने वाला शख्स असल जिंदगी में वृद्धा आश्रम   में रहने को मजबूर , प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सुभाष घई की कई सुपरहिट फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चूका है यह कलाकार   

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मुंबई वेब डेस्क / एक दौर था जब फिल्म इंडस्ट्री में सामाजिक पृष्भूमि से जुडी फिल्मों की बड़ी डिमांड थी | इस दौर में महाभारत समेत कई धार्मिक फिल्मों में देवराज इंद्र का किरदार निभाने वाले शख्स ने कभी जीवन में नहीं सोचा था कि वो वक्त भी आएगा जब उसे अपने ही नकार देंगे | उसे वृद्धा आश्रम में अपना आखिरी वक्त काटना पड़ेगा | कहाँ स्वर्ग का राजा इंद्र जैसे ठाठबांट और कहाँ वृद्धा आश्रम दोनों का कोई मेल नहीं है | लेकिन हकीकत यह है कि इंद्र जैसे ठाठबांट और स्वर्ग जैसी शान शौकत सिर्फ फ़िल्मी पर्दों पर ही नजर आती है | जिंदगी का असल संघर्ष तो हकीकत भरा होता है | ऐसे ही दौर से गुजरना पड़ रहा है , अभिनेता सतीश कौल को | लंबे अरसे से वे एक वृद्धा आश्रम में जीवन के आखिरी समय को व्यतीत कर रहे है | अपना अतीत देख सुनकर वे खुश हो जाते है , फिर उस दौर की यादे तरोताजा होने पर उनकी आँखे छलक जाती है | 
 

वैसे तो ग्लैमर इंडस्ट्री के सितारों का जीवन हमेशा एक जैसा नहीं होता है | उसमे उतार चढ़ाव आते रहता है | यह अक्सर देखने को मिलता है कि एक कलाकार इंडस्ट्री के सुपर डुपर ओहदे सुपरस्टार तक पहुंचकर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता था | मगर स्टारडम खत्म होते ही वही अभिनेता गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर हो जाता है | एक दौर में जब वो लाखों-करोड़ों कमाता है | वही कइयों के जीवन में वह मोड़ भी आता है जब उनके पास फूटी कौड़ी तक नहीं होती | कुछ ऐसी ही स्थिति अभिनेता सतीश कौल की है, जो महाभारत में देवराज इंद्र की भूमिका निभाते नजर आए थे | 

पंजाबी सिनेमा के अमिताभ बच्चन का तमगा हासिल करने वाले सतीश कौल आज वृद्ध आश्रम में रहने को मजबूर हैं | उनकी आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि अभिनेता के पास अस्पताल के बिलों का भुगतान करने के लिए भी पैसे नहीं हैं | पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम अभिनेता ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है | उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता देवानंद, दिलीप कुमार, शाहरुख खान के साथ भी काम किया है. सतीश कौल को पंजाबी सिनेमा में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है | 

एक सीरियल में काम करने को लेकर स्टारकास्ट के दौरान सतीश कौल की खोजबीन की गई , तब पता पड़ा की वे लुधियाना में विवेकानंद वृद्धाश्रम में रहते हैं | उनके पास इन दिनों आजीविका तक लिए पैसे नहीं हैं | यह भी बताया गया कि उन्होंने लुधियाना में एक एक्टिंग स्कूल खोला था | इस स्कूल में उन्होंने अपने जीवन भर की कमाई लगा दी | लेकिन कामकाज नहीं चला और सारी पूंजी डूब गई | हालत यह हो गई कि तंगहाली के चलते उनकी पत्नी ने उन्हें तलाक दे दिया और बेटे के साथ अमेरिका चली गईं | उनकी देखभाल करने वाला जब कोई नहीं रहा तो उन्होंने वृद्धा आश्रम का रुख किया |  

सतीश कौल ने सुभाष घई और बीआर चोपड़ा जैसे बड़े निर्माता निर्देशकों के साथ काम किया था | उन्होंने महाभारत में इंद्र देव की भूमिका निभाई |  जिन हिंदी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया उनमें आंटी नंबर 1, याराना, जंजीर, खेल, राम लखन, कर्मा, खूनी महल, इल्जाम आदि शामिल हैं | उन्होंने रामानंद सागर के टीवी शो विक्रम बेताल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | इसके अलावा भी वह कई धारावाहिकों में अपनी अदाकारी दिखाई हैं |