Sunday, September 22, 2024
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देश में कोरोना 1 लाख पार, मुंबई बना भारत का वुहान, मजदूरों को इधर से उधर करना पड़ा भारी, राज नेताओ ने वोट और राजनीती चमकाने के लिए नागरिको को डाला मुसीबत में, 30 जनवरी को आया था संक्रमण का पहला मामला, पढ़े खबर

दिल्ली वेब डेस्क / भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए कोरोना संक्रमण का आकंड़ा 1 लाख पार पहुंचा दिया है | देश में कोरोना वायरस महामारी का असर लगातार बढ़ता जा रहा है | ग्रामीण हो या शहरी इलाका हर जगह संक्रमण फ़ैल रहा है | तब्लीग जमात के बाद मजदूर स्वस्थ नागरिकों पर भारी पड़ रहे है | जब से इन्हे इधर से उधर किया गया है , तब से देश में संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है | रोजाना नए मरीजों में वो मजदूर सामने आ रहे है , जो अपने घर लौटे है | देश में मंगलवार की सुबह तक कोरोना के कुल मामले 101139 पहुंच गए है | जबकि एक्टिव केस 58802 , ठीक हुए 39174 और मौत का आंकड़ा 3163 पहुँच गया है |

मुंबई भारत का वुहान बन गया है | मुंबई में कोरोना के 1,185 नए मामले आए हैं जबकि 23 और लोगों की मौत हुई है। शहर में अभी तक संक्रमण से 757 लोगों की मौत हुई है जबकि कुल 21,152 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं। आज आए 1,185 नए मामलों में से 300 मामले ऐसे हैं जिनकी जांच 12 से 16 मई के बीच निजी लैब में हुई थी। बताया जाता है कि मुंबई के धारावी से बड़े पैमाने पर संक्रमित सामने आ रहे है |देश में मुंबई वुहान साबित हुआ है | हालांकि कोरोना वायरस के अधिकतर मामले महाराष्ट्र से ही आए हैं | महाराष्ट्र में 35058 कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं, यानी देश में आए कुल मामलों का 35 फीसदी तो सिर्फ महाराष्ट्र से ही है | 

भारत दुनिया का 11वां ऐसा देश है, जहां पर एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के केस हैं | देश में करीब 110 दिनों में कुल मामलों की संख्या एक लाख के आंकड़े को छू गई है | देश में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी, 2020 को केरल में रिपोर्ट किया गया था | यहां वुहान से लौटे एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे | जांच के बाद यह छात्र पॉजिटिव निकला था | 

उसके बाद देश में शुरुआती तीन केस केरल में ही आए थे | करीब एक महीने तक देश में कोरोना वायरस की रफ्तार काफी धीमी ही थी, लेकिन मार्च के बाद देशभर में कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ी ,और अब देखते ही देखते कुल आंकड़े एक लाख को पार कर चुके हैं |  

हालांकि, लगातार मामलों की बढ़ोतरी का एक कारण अधिक संख्या में हो रही टेस्टिंग भी बताया जा रहा है. देश में अब 90 हजार से अधिक टेस्ट रोजाना हो रहे हैं, अबतक देश में 23 लाख से अधिक कोरोना वायरस के टेस्ट हो चुके हैं. जिनमें से आधे से अधिक टेस्ट मई महीने में ही हुए हैं, यही कारण है कि मई में हजारों की संख्या में केस देखने को मिले हैं.उधर देश में संक्रमण फैलने की वजह मजदूर बताई जा रही है | 

जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने शुरुआती दौर में ही मजदूरों को जहाँ है वही उन्हें रोके रखने के निर्देश दिए थे | यही नहीं केंद्र सरकार ने उन मजदूरों के लिए मुफ्त राशन , मुफ्त गैस और जनधन के खातों में रकम तक डलवाई | इसके बाद मजदूरों को लेकर देश में ऐसी राजनीति छिड़ी कि अपने घर जाने के नाम पर ये मजदूर सड़कों पर निकल पड़े | लॉकडाउन टूटता चला गया | उसकी धज्जियाँ उड़ गई | हालात ये बन गए कि कांग्रेस ने जिस तरह से मजदूरों को लेकर राजनीति की उसके चलते तमाम राज्यों में मजदूरों की आवाजाही शुरू हो गई |

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कही राज्य सरकारों ने उन्हें घर पहुँच सेवा के लिए बस उपलब्ध कराइ तो केंद्र को भी विशेष ट्रेने चलानी पड़ी | बहरहाल मजदूरों को लेकर हुई राजनीति ने उन लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है जो अब तक स्वस्थ रहे | लेकिन अब उनका जीवन भी जोखिम भरा हो गया है | दरअसल बड़ी तादाद में ऐसे मजूदरों ने भी पलायन किया है जो कोरोना संक्रमित है |

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