कोरोना का खौफ सिर चढ़ कर बोलने लगा, ऑरेंज जोन से घर लौटे बेटा-बहू को मां समेत अन्य परिजनों ने भगाया घर से, कहा हमें कोरोना का डर, अब बंद स्कूल के सामने कट रही जिंदगी

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चंद्रपुर वेब डेस्क / कोरोना का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि उसकी आंच अब रिश्तों पर आने लगी है | बेटे – बहु अपना कामकाज छोड़ कर बड़े शहर से अपने घर लौटे तो परिजनों ने उन्हें घर से ही खदेड़ दिया | उन्हें नियमानुसार क्वारेंटाइन होने के लिए कहा | लेकिन समस्या यह थी कि गांव में कोई क्वारेंटाइंड सेंटर ही नहीं था | और तो और ग्रामीणों ने अपने खाली पड़े खेत खलियानों और कमरों में रहने तक की जगह नहीं दी | ऐसे में इस परिवार में सरकारी स्कूल का एक कमरा देने की गुहार पंचायत से की | लेकिन  संक्रमण फ़ैलने के अंदेशे से सरपंच ने भी इंकार कर दिया | आखिर में इस पीड़ित परिवार ने बंद स्कूल के बाहरी परिसर में ही शरण ली | 

लॉक डाउन के इस दौर में बेबस परिवारों की कई घटनाये सामने आ रही है | शहरों से गांव लौटने वाले कई लोग अपने ही लोगों के लिए संक्रमण का सबब बनते जा रहे है | स्वास्थ होने के बावजूद गांव के लोग उन्हें संदेह की निगाहों से देख रहे है | इसके चलते ये लोग अपने ठिकानों पर भी संकट में फंसे है | ऐसा ही मामला चंद्रपुर में दिखाई दिया | गांव में रोजगार नहीं होने से महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के औरंगाबाद से वापिस लौटे एक परिवार को अपने ही घर में शरण नहीं मिली | कोरोना के डर से सगी मां ने उसे अपने घर से भगा दिया | इसके बाद ग्राम पंचायत ने भी उसे अपने भवन में कोई जगह नहीं दी | चंद्रपुर जिले के गोंड़पिपरि तहसील के तारसा गांव की इस घटना ने कोरोना के डर के आगे सभी रिश्ते-नातों और इंसानियत को कटघरे में खड़ा कर दिया है |  

तारसा गांव में रोजगार नहीं होने से गांव का एक युवक प्रफुल मिलमिले कामकाज के लिए औरंगाबाद में बस गया था | एक छोटी बच्ची और पत्नी सिगंधा मिलमिले के साथ वो इस संकट काल में अपने घर लौटा | उसे उम्मीद थी कि उसके आने से परिजन खुश होंगे | लेकिन हुआ उल्टा | कोरोना के डर से मां ने बेटे ओर उसके परिवार को घर में दाखिल होने से इनकार कर दिया | कोई रास्ता नहीं दिखने पर बेटे ने खुद को क्वारनटीन करने के लिए ग्राम पंचायत को स्कूल खोलने की विनती की लेकिन ग्राम पंचायत ने भी इनको सहारा देने से मना कर दिया | 

पूरे तीन घंटे युवक अपनी बच्ची और पत्नी के साथ कड़ी धूप में ग्राम पंचायत के स्कूल के सामने पड़ा रहा | किसी ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी |  पुलिस द्वारा बीच में आकर समझाने पर तीन घंटे बाद ग्राम पंचायत द्वारा स्कूल खोल कर उनकी व्यवस्था की गई. खाना लेकर मां खुद पहुंची और अपने भूखे बेटे, बहू और नातिन को खाना खिलाया | मामला सुलझने के बाद मां की ममता भी जागी और गांव का प्यार भी | फ़िलहाल इस स्कूल में शरण मिलने के बाद इस परिवार ने खुद को क्वारेंटाइन कर लिया है | 

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