लॉकडाउन में भोपाल में फंसी बेटी की सहायता के लिए सरकार समेत किसी ने नहीं की सहायता , आखिरकर तनाव में आई मां ने लगाई फांसी, इंदौर-भोपाल में छत्तीसगढ़ के सैकड़ों बच्चें , कोई सुध लेने वाला नहीं  

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  रिपोर्टर – रघुनंदन पंडा   

भिलाई / लॉकडाउन में भोपाल में फंसी बेटी के कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की आशंका पर भिलाई निवासी बैजंती तनाव सहन नहीं कर पाई। पति ने नोकझोक होने के बाद फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने महिला का शव बरामद किया है। दरअसल इंदौर-भोपाल में छत्तीसगढ़ के लॉकडाउन में फंसे सैड़कों बच्चे घर वापसी की जद्दोजहद कर रहे है | उनके पास अपना वाहन नहीं होने के चलते उनका ई-पास रद्द हो गया | वही दूसरी ओर उनके परिजनों और अभिभावकों को छत्तीसगढ़ से भोपाल-इंदौर जाने की अनुमति नहीं मिली | कई आवेदन रद्द हो गए | नतीजनत ऐसे घर परिवार अवसाद की स्थिति में है | ये बच्चे अब अपने स्तर पर छत्तीसगढ़ लौटने के लिए हाथ-पैर मार रहे है | उनका कहना है कि सरकार ने सिर्फ कोटा से छात्रों को वापस लाया | कई इलाकों से मजदूरों को वापस लाया , लेकिन इंदौर-भोपाल में फंसे छात्रों की सुध तक नहीं ली |      

मिली जानकारी के अनुसार मृतक बैजंती भिलाई नगर में बीएसएन कॉलोनी की रहने वाली है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि उसकी तीसरी बेटी भोपाल में पढ़ाई करती है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह वही फंस गई है और वहां से छत्तीसगढ़ वापसी संभव नहीं हो पा रही थी | इसके कारण बेटी घर नहीं लौट पा रही थी। आवेदन करने के बाद भी प्रशासन की तरफ से भोपाल जाने की अनुमति नहीं मिल रही थी। इसी बात से उसकी मां बैजंती काफी परेशान थी। वह लॉकडाउन के बाद से अक्सर तनाव में रहती थी | 

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बेटी को लाने महिला अक्सर अपने पति से जिद कर रही थी। इस बीच बेटी के संक्रमण की चपेट में आने की शंका पर पत्नी और अधिक मायूस रहने लगी थी। वहीं आत्महत्या करने को लेकर पुलिस ने अंदेशा जाहिर किया ही कि संभवता इसी वजह से महिला ने आत्महत्या की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।