मुंबई वेब डेस्क / देश में पालघर कांड अब तक सुर्ख़ियों में है | इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है | इस बीच उस वकील की सड़क हादसे में मौत हो गई है , जो हिंसा में शिकार हुए साधुओं की पैरवी कर रहा था | महाराष्ट्र के इस वकील दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क हादसे में मौत हो गई। बताया जाता है कि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब वे इस केस के सिलसिले में जानकारी के लिए कुछ लोगों के पास जा रहे थे। बताया जाता है कि मामले की असलियत के करीब पहुँच चुके वकील दिग्विजय त्रिवेदी की अचानक सड़क दुर्घटना में मौत किसी संदेह की ओर इशारा कर रही है | उनके परिजनों ने यह अंदेशा व्यक्त किया है | परिजनों के मुताबिक वे पालघर में लींचिंग किए गए साधुओं की ओर से वकील थे , और आज विश्व हिंदू परिषद की तरफ़ से अपना पक्ष प्रस्तुत करने निकले थे।
जानकारी के मुताबिक दिग्विजय त्रिवेदी अपने एक साथी के साथ इस केस के सिलसिले में निकले थे। उसी दौरान मुख्य मार्ग में उनकी कार हादसे का शिकार हो गई | उनकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि इसी कार में मौजूद उनका एक साथी गंभीर रूप से घायल हुआ है।
साधुओं की निर्मम हत्या के बाद से ही पालघर षड़यंत्र को लेकर मीडिया में कई खबरें आ रही हैं। लॉकडाउन के बीच साधुओं के वकील की संदेहास्पद स्थिति में मौत ने सभी को अचंभित कर दिया है | बताया जाता है कि पालघर के गड़चिंचले में दशनाम जूना अखाड़ा के 2 साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ द्वारा लींचिंग कर हत्या की घटना को षड़यंत्र के रूप में देखा जा रहा है |
लोगों के मुताबिक इस लींचिंगकांड स्थानीय स्तर में चल रहे धर्मांतरण और उसे संरक्षण देने वाले रैकेट का हाथ है | महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस मामले में की गई कार्रवाई सवालों के घेरे में बताई जा रही है | मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर देशभर से साधु-संतों ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को घेरने की चेतावनी दी है । ऐसे समय एकाएक साधुओं के वकील की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाना एक बड़े षड़यंत्र की ओर संकेत कर रहा है। कई लोग इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग भी कर रहे है। फ़िलहाल महाराष्ट्र पुलिस सड़क दुर्घटना और हादसे के कारणों की खोजबीन में जुटी है | वकील दिग्विजय त्रिवेदी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है |