बैतूल वेब डेस्क / लॉकडाउन के दौरान देश के कई हिस्सों से एक से बढ़कर एक हैरान कर देने वाली तस्वीरे सामने आ रही है | कही पुलिस डंडे भांज रही है , तो कही FIR दर्ज करने के बावजूद नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार आम हो गया है | ताजा मामला मध्यप्रदेश के बैतूल जिले का है | यहां फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर ने सजा के तौर पर 71 साल के बुजुर्ग से उठक-बैठक लगवा ली | इस बुजुर्ग का कसूर इतना था कि उसने लॉकडाउन का पालन ना करते हुए सब्जी की दुकान देर शाम तक खोली रखी थी | यह बुजुर्ग ठीक तरह से चल नहीं सकता है, इसके बावजूद उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया | बुजुर्ग का उठक-बैठक लगाने वाली तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है |
पीड़ित बुजुर्ग के मुताबिक घर में पैसों की तंगी और सब्जी खराब होने के डर से उसने नियानुसार दुकान बंद करने में कोताही बरती थी | उसे अपने नुकसान का डर था | यही नहीं पीड़ित बुजुर्ग के मुताबिक उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि सब्जी की दुकान सुबह लगानी है या शाम | इस बुजुर्ग के तर्को पर बगैर विचार किये मौके पर मौजूद वन विभाग के डिप्टी रेंजर ने उसे अपना रौब दिखाया | आमतौर पर इस इलाके में रविवार को साप्ताहिक बाजार लगता है, उसमें उस बुजुर्ग ने देर शाम तक दुकान लगाए रखी थी | लॉकडाउन में सब्जी की दुकान लगाने का नियम सुबह 7 से 11 बजे तक है. लेकिन इस बुजुर्ग ने शाम 5 बजे तक दुकान लगा ली थी |
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दरअसल जिले में लॉकडाउन के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन ने नगरपालिका बैतूल की राजस्व टीम के अलावा वन विभाग के दो डिप्टी रेंजर की ड्यूटी लगाई है | लॉकडाउन नियम का उल्लंघन करने पर किसी भी व्यक्ति को इस तरह की सजा देने का कोई प्रावधान नहीं है | खासतौर पर फॉरेस्ट के डिप्टी रेंजर स्तर के कर्मचारी को | नीय पुलिस अथवा प्रशासन इस बुजुर्ग के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकारी है |
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उधर मामले के तूल पकड़ने के बाद 71 साल के इस बुजुर्ग को सजा देने वाले डिप्टी रेंजर श्रीराम पिम्पलकर ने अपनी सफाई दी है | उसके मुताबिक बार-बार समझाने के बावजूद वो बुजुर्ग नहीं माना, इसलिए उसे ऐसा करना पड़ा | फ़िलहाल पुलिस-प्रशासन के संज्ञान में यह घटना आने के बाद एएसपी बैतूल ने इसे गलत बताने हुए मामले की जांच के निर्देश दिए है |