चेन्नई वेब डेस्क / तमिलनाडु सरकार ने जैसे ही शराब दुकान खोली वैसे ही हाईकोर्ट ने उसके शटर बंद करा दिए | लॉकडाउन और कोरोना के फैलते संक्रमण से अदालत ने सरकार को भी वाकिफ कराया और उसकी जिम्मेदारी समझाई | मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु में शराब की दुकानों के खुलने के एक दिन बाद ही उन्हें बंद करने का आदेश देते हुए कहा कि उसके दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है। हालांकि दुकानों को खोलने के बजाये कोर्ट ने लॉकडाउन के जारी रहने तक शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी को मंजूरी दी है।
दरअसल कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है, जिसका तीसरा चरण 17 मई को खत्म होगा। लेकिन लॉकडाउन – 3 की शुरुआत के साथ ही देशभर में शराब की बिक्री भी शुरू हो गई है | ऐसे समय संक्रमण को रोकने के लिए मद्रास हाईकोर्ट को यह निर्देश तमाम राज्यों के लिए नजीर बन सकता है |
तमिलनाडु में राज्य में शराब की दुकानों के खुलने पर शराब के शौकीनों ने खुशी जताई थी। कुछ लोगों ने पटाखे जलाकर इसका स्वागत किया तो किसी ने केक बांटा। शराब की दुकानों के खुलते ही पहले दिन सुबह से ही लंबी कतारें लग गई थीं। हालांकि, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने काले कपड़े पहनकर इसका विरोध किया था | उन्होंने कहा था कि शराब की दुकानें खुलने से कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ेंगे। सरकार ने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि पड़ोसी राज्यों आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में शराब की दुकानें खुली होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग इन राज्यों में जाकर शराब खरीद रहे थे। सरकार ने राजस्व की कमी और आर्थिक नुकसान का हवाला देकर शराब दुकान खुलवाने पर जोर दिया था | बताया जाता है कि सुनवाई के दौरान अदालत ने लोगों की जान को ज्यादा महत्वपूर्ण बताया और सरकारी राजस्व की कमी को मौके की नजाकत करार देते हुए सरकार को लोक कल्याण की नसीहत दी |