Friday, September 20, 2024
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छत्तीसगढ़ के डकैत एडीजी मुकेश गुप्ता के कुनबे का पर्दाफाश , मरीजों के इलाज के नाम पर सरकार से लिया गया करोड़ों का  अनुदान निजी तिजोरी में , सरकारी पद और वर्दी का दुरूपयोग , मुकेश गुप्ता गिरोह में शामिल सदस्यों का कारनामा इस FIR में दर्ज , पढ़िए FIR में दर्ज सफ़ेदपोशो का काला कारनामा

रायपुर / छत्तीसगढ़ में पुलिस को आय का जरिया बनाने वाले कुख्यात एडीजी मुकेश गुप्ता और उसके गिरोह का लगातार भंडाफोड़ हो रहा है | हाल ही में EOW ने खुलासा किया था कि कैसे यह आरोपी अफसर महिला पुलिस कर्मियों को अपने झांसे में लेकर उनका शिकार करता है | इस कुख्यात आरोपी ने कई पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के नाम पर बड़े पैमाने पर अवैध और बेनामी संपत्ति निवेश की है | इसमें EOW की हवलदार रेखा नायर और उसके परिजनों के नाम करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा किया गया था | यही नहीं कई और पुलिस कर्मी है , जिन्होंने मुकेश गुप्ता की संपत्ति की देखरेख का भार उठाया हुआ है | EOW जल्द ही उसका भी पर्दाफाश करेगा | फ़िलहाल रायपुर के सबसे बड़े मनी लॉन्ड्रिंग सेंटर MGM अस्पताल के काले कारनामे का खुलासा कर EOW ने साफ कर दिया है कि यहां सरकारी अनुदान का किस तरह से दुरूपयोग हो रहा था | 

यही नहीं MGM अस्पताल ने बैंकों के साथ भी धोखाधड़ी कर कई बड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है | इसमें कुख्यात एडीजी मुकेश गुप्ता पूरी तरह से शामिल बताया जा रहा है | जांच में यह तथ्य सामने आया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से गुप्ता गिरोह ने लाखों रूपये उपकरणों के नाम पर लोन पर लिए | लेकिन उस रकम से उपकरण ना खरीदते हुए उसे कर्मचारियों का वेतन और दूसरे मदों पर व्यय किया गया | इसके बाद बैंक को रकम वापिस देने के लिए हाथ उठा लिया गया | अपनी पुलिस की वर्दी और पद का दुरूपयोग करते हुए मुकेश गुप्ता ने बैंक अधिकारीयों पर दबाव डालते हुए सेटलमेंट और मामले को रफा-दफा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | बैंक अधिकारीयों ने बाकायदा बयान देकर आरोपी मुकेश गुप्ता और MGM ट्रस्ट के बीच संबंधों का खुलासा किया है | इस बारे में EOW को दस्तावेजी प्रमाण भी उपलब्ध कराये गए है | 

मुकेश गुप्ता के पिता जयदेव गुप्ता के बारे में भी EOW  को कई ऐसे सबूत मिले है , जिससे पता पड़ता है कि वे भी बैंकों के साथ की गई धोखाधड़ी में बराबर के भागीदार थे | कई दस्तावेजों से यह तथ्य भी सामने आया है कि एडीजी मुकेश गुप्ता ही अपने गिरोह के जरिये ही MGM ट्रस्ट का संचालन करता था | कई महत्वपूर्ण फैसले उसके निर्देश पर जयदेव गुप्ता लिया करते थे | 
EOW ने अपनी जांच में पाया है कि तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार और अन्य संस्थाओं ने मरीजों के इलाज के लिए MGM ट्रस्ट को करोड़ों रूपये का अनुदान दिया | लेकिन यह अनुदान मरीजों के इलाज में ना खर्च करते हुए अन्य मदो में खर्च किया गया | मरीजों के इलाज के बोगस बाउचर भरे गए और करोड़ों का सरकारी अनुदान हजम कर लिया गया | 

अब EOW MGM ट्रस्ट के उन सफेदपोश सदस्यों को भी आरोपी बनाने पर विचार कर रहा है जो गुप्ता गिरोह के सक्रीय सदस्यों के रूप में कुख्यात है | बताया जाता है कि बैंकों समेत कई गैर क़ानूनी लेनदेन का भार ट्रस्ट के अलग अलग सदस्यो के कंधों पर था | यह भी तथ्य सामने आया है कि मुकेश गुप्ता पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल जनता के कल्याण के लिए नहीं बल्कि लूटपाट और अवैध रकम की उगाही के लिए करता था | यह गौरतलब है कि निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानों में आधा दर्जन FIR दर्ज है , लेकिन उसकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है | इस अधिकारी की कार्यप्रणाली राज्य की जनता को कोरोना वायरस की तर्ज पर नजर आ रही है |

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