- शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों और औद्योगिक क्षेत्रों में 81,669 श्रमिकों को पुनः रोजगार
- अब तक छोटे-बड़े 1024 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ
- कारखानों के प्रबंधकों-नियोजकों से समन्वय कर 25,953 श्रमिकों को लगभग 31.31 करोड़ का भुगतान
- तत्कालिक व्यवस्था के लिए 16,885 श्रमिकों के खातों में 65.97 लाख रूपए कराया गया जमा
लाॅकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे हुए 2 लाख 98 हजार से अधिक जरूरतमंद श्रमिकों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डाॅ. शिव कुमार डहरिया के निर्देश पर तत्काल राहत पहुंचायी गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में किये गये लॉकडाउन के दौरान श्रम मंत्री डाॅ. डहरिया के निर्देश पर श्रम विभाग द्वारा स्थापित हेल्पलाईन सहित अन्य स्त्रोतों से मिली सूचना के आधार पर राज्य में तथा राज्य के बाहर 04 मई की स्थिति में करीब 2 लाख 98 हजार 54 जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ के 01 लाख 24 हजार 205 प्रवासी श्रमिक जो देश के 21 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में होने की सूचना मिली है, उनके द्वारा बताई गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। इनमें 25 हजार 953 श्रमिकों को 31 करोड़ 31 लाख 35 हजार 92 रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लाॅकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 81 हजार 669 श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1024 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।
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श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के श्रमिक जो देश के अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, इनमें जम्मू में सबसे अधिक 26 हजार 539, महाराष्ट्र में 24 हजार 296, उत्तरप्रदेश में 15 हजार 261, तेलांगाना में 18 हजार 35, गुजरात में 10 हजार 881, कर्नाटक में 4 हजार 126, तमिलनाडु में 3 हजार 377, मध्यप्रदेश में 3 हजार 435, आंध्रप्रदेश में 3 हजार 20, हरियाणा में 2 हजार 442, हिमाचल प्रदेश में 01 हजार 801, ओडिशा में 3 हजार 194, राजस्थान में 01 हजार 318, पंजाब में 01 हजार 506, झारखण्ड में 669, केरल में 525, बिहार में 259, उत्तराखण्ड में 244, पश्चिम बंगाल में 219, गोवा में 132 तथा दिल्ली में 2 हजार 436 श्रमिक है।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के श्रमिक जो अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, उनमें जांजगीर-चांपा जिले के सबसे अधिक 31 हजार 32, बलौदाबाजार जिले के 20 हजार 444 श्रमिक, राजनांदगांव के 11 हजार 555, मुंगेली के 9 हजार 963, कबीरधाम के 11 हजार 502, बिलासपुर के 7 हजार 928, बेमेतरा के 7 हजार 508, कोण्डागांव के 6 हजार 182, रायगढ़ के 2 हजार 653, बीजापुर के 2 हजार, रायपुर 2 हजार 556, दुर्ग के 01 हजार 187, जशपुर के 01 हजार 10, गरियाबंद के 01 हजार 610, बालोद के 01 हजार 607, महासमंुद के 2 हजार 570, बलरामपुर के 826, कोरबा में 967, सूरजपुर के 477, सरगुजा के 186 और धमतरी जिले के 278 श्रमिक अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं।
श्रम विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ से बाहर रह रहे 16 हजार 885 श्रमिकों की आर्थिक दिक्कतों की सूचना प्राप्त होने पर तत्कालिक व्यवस्था स्वरूप उनके खातों में 65 लाख 97 हजार रूपए नगद राशि जमा कराए गए हैं। इनमें मुंगेली जिले के 7 हजार 98 श्रमिकों को तत्कालिक व्यवस्था के लिए उनके खातों में 12 लाख 39 हजार 6 सौ रूपए जमा कराए गए हैं। इसी प्रकार बेमेतरा के 6 हजार 278 श्रमिकों को 27 लाख 80 हजार छह सौ रूपए, दुर्ग जिले के 866 श्रमिकों को 8 लाख 2 हजार 5 सौ रूपए, कोरिया जिले के 658 श्रमिकों के खाते में 3 लाख 42 हजार एक सौ रूपए, कबीरधाम जिले के 554 श्रमिकों के खातों में 5 लाख 54 हजार रूपए और राजनांदगांव जिले के 194 श्रमिकों के खातों में 97 हजार रूपए जमा कराया गया है।इसी तरह सूरजपुर जिले के 158 श्रमिकों के खातों में त्वरित सहायता के रूप में दो लाख छह हजार रूपए, रायगढ़ जिले के 30 श्रमिकों के खातांे में 15 हजार रूपए, जाजंगीर-चांपा के 64 श्रमिकों के खातों में 58 हजार रूपए, गरियाबंद जिले के 14 श्रमिकों के खातों में 12 हजार एक सौ रूपए, कोरबा और सुकमा जिले के 2-2 श्रमिकों के खातों में क्रमशः 4 हजार और एक हजार रूपए तथा बलरामपुर जिले के एक श्रमिक के खाते में एक हजार रूपए और बालोद जिले के 966 श्रमिकों के खातों में 4 लाख 84 हजार रूपए जमा कराया गया है।
श्रम विभाग के सचिव एवं नोडल अधिकारी सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे जरूरत मंद श्रमिकों को श्रम विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, नियोक्ताओं, प्रबंधकों एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर भोजन, रहने-खाने, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यकताओं और समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। साथ ही कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) के माध्यम से अब तक प्रदेश में 42 क्लीनिक संचालित है। जिसमें 34 हजार 961 श्रमिकों का उपचार कर दवा आदि का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य स्तर पर 24X7 हेल्पलाईन (0771-2443809), (91098-49992), (75878-22800) स्थापित किया गया है। इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किये गये है।