भूपेश बघेल बोले- रायपुर में एक भी केस नहीं, फिर भी उसे रेड जोन में रखना हैरानी भरा कदम , आज तक न्यूज चैनल पर बघेल ने की मन की बात  

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दिल्ली / रायपुर – न्यूज चैनल आज तक से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर को रेड जोन से बाहर रखने की मांग की है | उन्होंने कहा कि रायुपर में अब तक कोरोना के 4 मरीज मिले है | 18 मार्च को पहला, 25 मार्च को तीन और मरीज मिले | 25 मार्च के बाद रायपुर में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है | उसके बाद भी इसे रेड जोन में रखा गया है | ये हैरानी भरा है | दरअसल लॉकडाउन के तीसरे चरण में देश को तीन जोन में बांटा गया है |  जोन के हिसाब से लॉकडाउन में राहत भी दी गई है | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को रेड जोन में रखा गया है | सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर हैरानी जताई है | 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव से भी बात की | उन्होंने कहा कि इसको रोड जोन में रखा जाना उचित नहीं है | क्योंकि रायपुर में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया | रायपुर को ग्रीन जोन में होना चाहिए | मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जवाब मिला कि रिपोर्ट देखने के बाद मालूम पड़ पाएगा कि क्यों ये रेड जोन में है |  वह जिस भी जोन का हकदार होगा, उसे उसमें रखा जाएगा | 

छत्तीसगढ़ में मरीजों की संख्या कम होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में 7 एक्टिव केस हैं |  उन्होंने चर्चा करते हुए कहा कि शुरुआती दौर में ही राज्य की सीमाओं को सील कर दिया था | जिलों को सील कर दिया | बघेल ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार के फैसले से पहले ही कदम उठा लिए थे | सीएम ने कहा कि ये बीमारी विदेश से आई है | विदेश यात्रा से जो भी लोग आए थे, उनकी हमने लिस्टिंग की और उनको होम आइसोलेशन में रखा |  हमने पहले ही बचाव और इलाज शुरू कर दिया था जिसका लाभ हमें मिला | 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने के लिए केंद्र सरकार को राज्यों से पैसा नहीं लेना चाहिए | ये हास्यास्पद है | केंद्र को इसमें सहायता देनी चाहिए | उन्होंने कहा कि बेहतर रोजी के लिए लोग बाहर जाते हैं | यहां से कई राज्यों में मजदूर जाते हैं | उनके आने के लिए हमने केंद्र से ट्रेन के लिए बात की थी | उन्होंने कहा कि कोटा में फंसे राज्य के छात्र बस से आए | उन्हें दो दिन का वक्त लगा और कठिनाई हुई | इसलिए हमने ट्रेन चलाने की अपील की थी | ट्रेन भारत सरकार की है और मजूदरों को लाने के लिए राज्य सरकार से केंद्र पैसा ले ये गलत है | केंद्र को इसमें सहायता देनी चाहिए |