पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमितों का शव आधी रात लगाया जा रहा है ठिकाने , देश में सर्वाधिक संदेहास्पद राज्य बन गया पश्चिम बंगाल , अब जनता और राजनैतिक दल भी पूछने लगे – आधी रात शव को क्यों ठिकाने लगा रही ममता सरकार , पढ़िए खोज खबर 

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कोलकाता वेब डेस्क /  देश में पश्चिम बंगाल एक मात्र ऐसा राज्य है , जहां कोरोना संक्रमण अब तक रहस्यमय बना हुआ है | यहां जमीनी स्तर पर लॉकडाउन के पालन से लेकर अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज और स्वास्थय सुविधाओं को लेकर वाद-विवाद की स्थिति बन गई है | प्रदेश के राज्यपाल ने हस्ताक्षेप कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आगाह किया है कि कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीरता दिखाए | दूसरी ओर ममता बनर्जी के बयानों के बाद बंगाल में कोरोना वायरस को लेकर जमकर राजनीति हो रही है | 

एक ओर जनता कोरोना संक्रमण के खौफ में है , उसे देश के दूसरे राज्यों की तरह अपने राज्य में ना तो संक्रमण से निपटने की पुख्ता तैयारी दिख रही है और ना ही लॉकडाउन के पालन कराने को लेकर कोई ठोस व्यवस्था | इस बीच कोरोना संक्रमितों और संदिग्धों के शवों को आधी रात ठिकाने लगाए जाने को लेकर जनता हैरत में है |

वही भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कोरोना से मरे एक और शख्स के शव को रात के अंधेरे में चोरी-छिपे अंतिम संस्कार की कोशिश की जा रही है | और यह विश्वास से परे है | राज्य की बीजेपी इकाई ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘यह विश्वास से परे है! एक और कोरोना पॉजिटिव डेड बॉडी का आधी रात को निस्तारण की कोशिश की गई | इस बार बैरकपुर में स्थानीय लोगों ने विरोध किया! ममता बनर्जी प्रशासन ऐसे गुप्त उपायों का सहारा क्यों ले रही है? क्या कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है?

दूसरी पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोरोना वायरस को लेकर अलग तरह से आंकड़े जारी किए जा रहे हैं | बंगाल में कोरोना से पीड़ित अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 33 की मौत कोरोना की वजह से हुई जबकि शेष 72 कोरोना पीड़ितों की मौत किसी अन्य बीमारी की वजह से हुई | कोरोना वायरस को लेकर पहले से ही केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है | 

राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर केंद्र की ओर से भेजी गई केंद्रीय मेडिकल टीम को सहयोग नहीं करने का आरोप लगा था | यही नहीं  ममता सरकार ने राज्य में भेजी गई रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर सवाल उठाए और उन्हें लौटा दिया | हालांकि बाद में क्रेंद की ओर से रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश जारी किए गए थे | मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था, ‘कुछ लोग अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे थे कि मरीजों के लिए बिस्तर नहीं थे | यह सच नहीं है | अकेले कोलकाता में 790 बेड हैं | हमारे पास कुल 14 लैब हैं | बीजेपी राजनीति कर रही है | लेकिन ये राजनीति करने का वक्त नहीं है | आपके स्वच्छ भारत के नेता कहां हैं? बाहर आओ और फर्जी खबर फैलाने के बजाय सड़कों को साफ करो |’ फ़िलहाल देखना होगा कि पश्चिम  बंगाल में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ रहा है या फिर यह प्रदेश देश के लिए नई मुसीबत बनने वाला है |