दिल्ली वेब डेस्क / लॉक डाउन में भी भारी मुनाफा कमाने वाली कंपनी अमेजन की पांच फॉरेन साइट्स को अमेरिकी सरकार में स्कैनकलिस्ट कर दिया गया है। इसमें यूके, जर्मनी, फ्रांस, भारत और कनाडा की साइट शामिल हैं। अमेरिकी प्रशासन में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नकली और पायरेटेड प्रोडक्ट्स की बिक्री करने का आरोप लगाया गया है। इस पर अमेजन ने सफाई देते हुए कहा- कि ट्रम्प सरकार का यह कदम साफतौर से राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि प्लेटफार्म पर अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए भारी निवेश कर रखा है।
अमेरिका के व्यापार माधी कार्यालय ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि देश में अमेजन पर नकली सामान बेचने की कई शिकायतें आ रही हैं। अमेजन ने बताया कि अमेजन के मालिक और सीईओ जेफ बेजोस और राष्ट्रपति ट्रम्प के आपसी मतभेद के कारण इस तरह का कदम उठाया गया है और यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। हालांकि सूची में कोई कानूनी भार नहीं है लेकिन इसमें नाम आने से कंपनियों पर एक सवालिया निशान खड़ा हो जाता है, खासतौर से अमेजन जैसी पॉपुलर कंपनियों पर ज्यादा असर पड़ता है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि- यह साफतौर से राजनीतिक षडयंत्र है। क्योंकि अमेजन के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध को आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन ने अमेरिकी सरकार का उपयोग किया। ऑफलाइन शॉपिंग की दिग्गज कंपनी ने यह भी कहा कि उसने नकली उत्पादों को अपने प्लेटफार्म पर बेचे जाने से रोकने के लिए टेक्नोलॉजीज में महत्वपूर्ण निवेश किया है। अमेज़न की अमेरिकी वेबसाइट को सूची से बाहर रखा गया था। कई शिकायतें सामने आईं जिसमें अमेजन साइटों ने पत्रकारों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी है और फर्जी सामान बेचने वाले प्लेटफार्मों को साइट से हटाने की प्रक्रिया लंबी और बोझिल थी।
अमेजन ने अपने बयान में कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए काफी निवेश किया गया था, और पिछले साल प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने से पहले 6 बिलियन से अधिक खराब लिस्टिंग को ब्लॉक कर दिया गया था। अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम कड़ी सामन की बिक्री में सक्रिय हैं। ट्रम्प अक्सर अमेजन और व्यक्तिगत रूप से जेफिजोस के साथ कई बार भिड़ गए हैं, जिन्होंने हाल ही में वाशिंगटन पोस्ट किया था। इससे पहले भी ट्रम्प अमेजन पर पर्याप्त टैक्स न भरने का शुल्क लगा चुके हैं।