चीन के वुहान जैसे ख़तरनाक वायरस से गुजरात और इंदौर में हुई ज्यादातर मौत , कोरोना वायरस के बदलते रूप को क़ाबू में करने जुटे डॉक्टर, जानिए, एल और एस स्ट्रेन वायरस में अंतर

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दिल्ली वेब डेस्क / देश में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा मौते मध्यप्रदेश के इंदौर और गुजरात के कई हिस्सों में हो रही है |विशेषज्ञों की मानें तो गुजरात और मध्यप्रदेश के इंदौर में मौत के बढ़ते आंकड़ों के पीछे कोरोना का एल-स्ट्रेन वायरस हो सकता है। इस पर पड़ताल जारी है | इस बीच गुजरात के बायोटेक्नोलॉजी शोध केंद्र के निदेशक जीसी जोशी ने कहा कि हमने कोरोना वायरस की संरचना को डिकोड कर लिया है, जिसमें उसके तीन म्यूटेशन मिले हैं।

उन्होंने बताया कि गुजरात में फैला वायरस एल-स्ट्रेन हो सकता है। इसके कारण चीन के वुहान में तेजी से लोगों की मौत हो रही थी। इसी वजह से गुजरात में अब तक 150 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर इंदौर में वायरस संक्रमण के कारण 57 लोगों की मौत हुई है। यहां के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की डीन ज्योति बिंदल ने कहा कि हम एल-स्ट्रेन की पुष्टि के लिए नमूनों को एनआईवी पुणे भेजेंगे। फ़िलहाल यहाँ नमूने भेजने की तैयारी की जा रही है | पुख्ता रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों को इलाज में मदद मिलेगी | 

न्यूज़ टुडे ने विशेषज्ञों से वायरस के एल-स्ट्रेन और एस-स्ट्रेन में अंतर के बारे में जानकारी इकठ्ठा की | इसमें बताया गया कि फ़िलहाल देश में कोरोना वायरस के तीन स्ट्रेन का पता चला है।इसमें दो सबसे घातक स्ट्रेन- एल-स्ट्रेन और एस-स्ट्रेन हैं। जानकारों के मुताबिक वुहान से आया एल-स्ट्रेन वायरस काफी ज्यादा घातक है। जिससे संक्रमित होने वाले मरीज की बहुत जल्दी मौत हो जाती है। जबकि एस स्ट्रेन वायरस एल-स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना है। यह कम घातक है।जानकार बताते है कि केरल में ज्यादातर मरीज दुबई से आए थे |बताया जाता है कि दुबई में एस-स्ट्रेन वायरस का संक्रमण देखा गया है। माना जा रहा है कि इसी वजह से केरल में कम लोगों की जान गई है।

जानकार यह भी बताते है कि जर्मनी, फ़्रांस, इटली, स्पेन और अमेरिका में एल स्ट्रेन वायरस है। उनका मानना है कि गुजरात और मध्यप्रदेश के इंदौर में इन देशों से आने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। इसकी वजह से यहां मौत का आंकड़ा ज्यादा है। वे मानते है कि भारत में चीन, अमेरिका और यूरोप से वायरस के स्ट्रेन आए हैं। वहीं यूरोप में फैला वायरस अमेरिका से कम घातक बताया जा रहा है।

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हालांकि विशेषज्ञों ने साफ किया है कि कोरोना के एल-स्ट्रेन और एस स्ट्रेन के बीच ज्यादा अंतर नहीं है। एल-स्ट्रेन बेशक ज्यादा घातक है लेकिन एस-स्ट्रेन भी कम जानलेवा नहीं है। उनके मुताबिक यदि किसी व्यक्ति को पहले से कोई बीमारी है तो उसके लिए एस-स्ट्रेन वायरस घातक सिद्ध हो सकता है। फ़िलहाल भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 27 हज़ार का आंकड़ा पार कर गया है | इससे होने वाली मौतों पर भी इजाफ़ा हुआ है | हालाँकि इस पर नियंत्रण लगाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों से रायसुमारी हुई है |