रायपुर / रायपुर में कोरोना संक्रमण के दहशत के बीच पीलिया का प्रकोप फ़ैल गया है | सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में बड़ी तादाद में पीलिया पीड़ित मरीज जांच के लिए पहुंच रहे है | सरकारी अस्पतालों में तो इनका आंकलन हो रहा है , लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों को लेकर स्पष्ट आंकलन नहीं मिल पा रहा है | जिस तेजी से सरकारी अस्पतालों में मरीजों का आना जारी है | उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीलिया की रफ़्तार भी जोर मार रही है | माना जा रहा है कि अकेले रायपुर शहर में विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले पीलिया पीड़ितों की संख्या 500 को आंकड़ा पार कर चुकी है |
चिकित्सकों के अनुसार गंदे पानी के उपयोग के कारण शहर में पीलिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं | लॉक डाउन के कारण सड़क किनारे लगने वाले चाय नाश्ते के ठेले बंद है | वर्ना पीलिया पीड़ितों की तादाद और तेजी से बढ़ती | जानकारी के मुताबिक रायपुर के पानी में जगह-जगह ई-कोलाई ,क्लेबसिएला और स्यूडोमोनास बैक्टीरिया मिलाने का खुलासा हुआ है। यह जांच नेहरू मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी द्वारा की गई है।
उधर कई वार्डों में वैध-अवैध रूप से संचालित डेयरी फार्म भी संक्रमण फ़ैलाने में सहभागी बन रहे है | वार्डवासियों ने नगर निगम और प्रशासन से रहवासी बस्तियों में संचालित डेयरी फार्म को मुनासिब स्थानों में स्थनांतरित करने की मांग की है | रायपुर के समता कालोनी और स्वामी आत्मानंद वार्ड के सैकड़ों नागरिकों ने इन इलाकों में चल रही डेयरी से फैलने वाली गंदगी की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया है |
वार्ड वासियों के मुताबिक डेयरी से निकलने वाले गोबर को सीधे नालियों में बहा दिया जा रहा है | इसके चलते मारे गंदगी का आलम है | वार्डवासियों ने मामले की शिकायत नगर निगम के अधिकारीयों और स्थानीय पार्षद अमर बंसल से भी की है | लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई है | वार्डवासियों ने अंदेशा जाहिर किया है कि नालियों से गंदगी के कारण संक्रमण फैलने के आसार है |