दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना वायरस से संबंधित जांच करने वाली रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का निर्माण करने वाली चीन की दो कंपनियां भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) के जांच के घेरे में आ गई हैं। आईसीएमआर ने इन दोनों कंपनियों की कुछ टेस्ट किट में गड़बड़ी पाई है |
आईसीएमआर के मुताबिक इन दोनों कंपनियों द्वारा भारत भेजी गई रैपिड टेस्ट किट के परिणामों में बहुत अंतर आ रहा है और इनकी सटीकता दर भी बहुत कम है। चीन की ये कंपनियां गुआंगझोउ वोंडफो बायोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक्स इंक हैं।आईसीएमआर के मुताबिक इन दोनों कंपनियों ने भारत में करीब सात लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट भेजी हैं। बुधवार को हुई प्रेस वार्ता में आईसीएमआर ने घोषणा की कि राज्यों को तत्काल रूप से दो दिन के लिए टेस्ट किट का इस्तेमाल रोकने को कहा गया है।
उधर आईसीएमआर के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘गुआंगझोऊ बायोटेक ने करीब पांच लाख किट और झुहाई लिवजोन ने दो लाख किट भारत भेजी हैं। उनके मुताबिक इन दोनों कंपनियों की कुछ किट में आईसीएमआर को खामियां मिली हैं।’ रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का इस्तेमाल कोरोना की जांच के लिए नहीं बल्कि महामारी के प्रसार का पता लगाने के लिए किया जाता है। ये एंटी बॉडी की जांच के लिए हैं। आईसीएमआर ने कहा था कि ये रैपिड एंटीबॉडी जांच किट कोरोना की शुरुआती जांच के लिए बल्कि सर्विलांस के लिए उपयोग में लाई जाएंगी। फ़िलहाल रैपिड टेस्ट किट पर दो दिनों की लगी पाबंदी का आज आखिरी दिन है | अब देखना होगा कि ICMR टेस्ट को लेकर क्या कदम उठाता है |