दिल्ली वेब डेस्क / केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एम्स की एक महिला डॉक्टर के ख़ुदकुशी के प्रयास के मामले की तह पर जा रहे है | उन्होंने रिपोर्ट तलब की है कि आखिर क्यों इस महिला डॉक्टर के सामने आत्महत्या की नौबत आई | दिल्ली एम्स की एक सीनियर डॉक्टर ने खुदकुशी करने की कोशिश की थी | यह डॉक्टर सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च में तैनात हैं | पीड़ित डॉक्टर ने अपने ही विभाग के एक फैकल्टी मेंबर पर कथित जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाया है |
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने भी मामले की शिकायत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से की है और इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है | अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टर ने पहले एम्स प्रशासन से इस बात की शिकायत की थी | शुक्रवार शाम उन्होंने कथित रूप से दवा की ओवरडोज लेकर खुदकुशी करने की कोशिश की | उन्हें एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत स्थिर है |
पीड़ित महिला डॉक्टर की ख़ुदकुशी के प्रयास की इस घटना के बाद आरडीए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की है | पत्र में गंभीर उत्पीड़न की शिकायत की गई है | पत्र में कहा गया है कि एम्स की एक डेंटल सर्जन ने एक सीनियर फैकल्टी मेंबर के खिलाफ जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए खुदकुशी करने की कोशिश की है | डेंटल सर्जन ने इससे पहले कई बार एम्स के निदेशक और एससी/एसटी कमीशन को पत्र लिख कर इस घटना के बारे में आगाह किया है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है |
डॉ. हर्षवर्धन को लिखे पत्र में आरडीए ने कहा है कि उक्त डॉक्टर ने एम्स के महिला शिकायत प्रकोष्ठ और एससी/एसटी वेलफेयर सेल में भी शिकायत दर्ज कराई थी | इसके अलावा उन्होंने नई दिल्ली स्थित नेशनल एससी/एसटी कमीशन में भी शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई | नतीजतन इस डॉक्टर को न्याय पाने के लिए अपनी जान तक देने की बाजी लगानी पड़ी | पत्र के मुताबिक, एम्स प्रशासन के अड़ियल रवैये के कारण इस डॉक्टर को न्याय नहीं मिल पाया | यहाँ तक की एसटी एससी कमीशन में भी शिकायत लंबित पड़ी रही | फ़िलहाल केंद्रीय स्वास्थ मंत्री के निर्देशों पर डॉक्टरों की निगाहें है |